Move to Jagran APP

गलवन संघर्ष के बाद ही चीनी एप्स के उपयोग में आ गई थी भारी कमी : नीलसन मीडिया

मार्केट रिसर्च एजेंसी नीलसन ने बताया कि 20 जून तक चीनी एप्स के इस्तेमाल में पांच से 77 फीसद तक की गिरावट आ गई थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:15 AM (IST)
गलवन संघर्ष के बाद ही चीनी एप्स के उपयोग में आ गई थी भारी कमी : नीलसन मीडिया
गलवन संघर्ष के बाद ही चीनी एप्स के उपयोग में आ गई थी भारी कमी : नीलसन मीडिया

मुंबई, प्रेट्र। नीलसन मीडिया द्वारा गुरुवार को जारी डाटा से पता चला है कि लद्दाख में गलवन घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद ही भारतीयों ने चीनी एप्स का इस्तेमाल काफी कम कर दिया था। जबकि सरकार ने 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध बाद में लगाया। गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के संघर्ष में 15 जून को 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जबकि भारत सरकार ने चीनी एप्स पर प्रतिबंध 29 जून को लगाया था। 

loksabha election banner

20 जून तक चीनी एप्स के इस्तेमाल में 77 फीसद तक की गिरावट आई 

मार्केट रिसर्च एजेंसी नीलसन ने बताया कि 20 जून तक चीनी एप्स के इस्तेमाल में पांच से 77 फीसद तक की गिरावट आ गई थी। सबसे ज्यादा असर टायर-1 शहरों में पड़ा था और जिनकी उम्र 15 से 24 वर्ष की थी। हर हफ्ते दोनों ही वर्गो के यूजर्स में 11 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। इन एप्स पर दिन में जाने की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई। 20 जून को जिन एप्स पर सेशन का औसत 7.4 था, वो 27 जून तक घटकर 5.4 प्रतिदिन रह गया था। 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों के सेशंस की संख्या में सबसे ज्यादा कमी आई। यह 18 फीसद थी। जबकि टायर-2 शहरों में 20 फीसद की कमी देखी गई।

उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान 13 जून को समाप्त हुए सप्ताह में प्रति हफ्ते यूजर्स का प्रतिशत 80 फीसद तक पहुंच गया था। जबकि औसत सेशंस की संख्या आठ प्रतिदिन तक पहुंच गई थी। बता दें कि नीलसन का ये डाटा एक लाख मोबाइल फोनों की अज्ञात निगरानी के जरिये एकत्रित किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.