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आइटी और बीटी कंपनियों को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की जगह अन्य विकल्प अपनाने पर करें विचार

कर्नाटक सरकार ने आइटी बीटी कंपनियों से कहा है कि कोरोना के चलते काम में कमी की वजह से वह कंपनी बंद करने और छंटनी की जगह वेतन में कटौती व अन्य विकल्पों को अपनाएं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 07:39 PM (IST)
आइटी और बीटी कंपनियों को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की जगह अन्य विकल्प अपनाने पर करें विचार
आइटी और बीटी कंपनियों को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की जगह अन्य विकल्प अपनाने पर करें विचार

बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी), जैव-प्रौद्योगिकी (बीटी) और संबंधित कंपनियों से कहा है कि कोरोना वायरस के चलते काम में कमी की वजह से वह कंपनी बंद करने और कर्मचारियों की छंटनी करने की जगह वेतन में कटौती व अन्य विकल्पों को अपनाएं। सरकार ने 20 अप्रैल के बाद इन कंपनियों से 50 फीसद कर्मचारियों के साथ कामकाज शुरू करने को भी कहा है।

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने आइटी-बीटी क्षेत्र के दिग्गजों के साथ की वीडियो कांफ्रेंसिंग

उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वत नारायण, जो आइटी-बीटी विभाग के प्रभारी भी हैं, लॉकडाउन के चलते कामकाज में उत्पन्न हुई परेशानियों समेत अन्य मसलों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस उद्योग से जुड़े दिग्गजों से बात की। उन्होंने लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही इस हालात से निपटने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की। बायकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ, इंफोसिस के सह संस्थापक और आइटी क्षेत्र की कंपनी विजन ग्रुप के चेयरमैन क्रिस गोपालकृष्णन समेत अन्य शीर्ष लोग इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल रहे।

इन क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद 50 फीसद कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति

अश्वत नारायण ने संवाददाताओं से कहा कि हम अभी 50 फीसद कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देने जा रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनियां तुरंत आधे कर्मचारियों के साथ काम करना शुरू ही कर देंगी। इसमें वक्त लगेगा और धीरे-धीरे कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी और बाद में कामकाज सामान्य हो जाएगा।

छंटनी करने के बजाय वेतन में कटौती समेत कुछ दूसरे विकल्पों पर जोर 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोगों के साथ छंटनी के मसले पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कंपनियों को छंटनी करने के बजाय वेतन में कटौती समेत कुछ दूसरे विकल्पों को अपनाना चाहिए, जिससे कि कंपनी के संचालन पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़े। उद्योग से जुड़े लोगों ने अपनी चिंताओं से उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर उन्होंने गंभीरता से विचार करने और उन्हें दूर करने का भरोसा दिलाया।


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