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ISRO spy case: रफ्तार पकड़ने लगी इसरो जासूसी मामले की सीबीआइ जांच

ISRO spy caseवर्ष 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वरिष्ठ विज्ञानी एस. नंबी नारायणन एक अन्य वरिष्ठ विज्ञानी मालदीव निवासी महिलाएं फौजिया हसन व मरियम रशीदा तथा एक कारोबारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 01:24 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 01:24 AM (IST)
ISRO spy case: रफ्तार पकड़ने लगी इसरो जासूसी मामले की सीबीआइ जांच
रफ्तार पकड़ने लगी इसरो जासूसी मामले की सीबीआइ जांच

तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। ISRO Spy Case:  इसरो जासूसी मामले की हाल ही में फिर से शुरू की गई जांच अब रफ्तार पकड़ती दिखाई दे रही है। सीबीआइ की दिल्ली यूनिट ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई दोनों महिलाओं के बयान दर्ज करने का फैसला किया है और इसके लिए अधिकारी जल्द ही मालदीव व श्रीलंका जाएंगे।

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वर्ष 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वरिष्ठ विज्ञानी एस. नंबी नारायणन, एक अन्य वरिष्ठ विज्ञानी, मालदीव निवासी महिलाएं फौजिया हसन व मरियम रशीदा तथा एक कारोबारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फौजिया फिलहाल कोलंबो में रह रही है, जबकि मरियम मालदीव में। फौजिया ने मीडिया को बताया कि उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों ने बताया था कि पहले वे मरियम से मिलेंगे, इसके बाद वे बयान लेने उनके पास आएंगे। उन्होंने कहा, 'हालांकि, कोलंबो में लाकडाउन लागू होने की वजह से पिछले महीने वे नहीं आ सके और उन्होंने मालदीव का दौरा भी रद कर दिया।'

जानकारों का कहना है कि सीबीआइ की दिल्ली यूनिट के अधिकारी जल्द ही दोनों महिलाओं से मुलाकात कर सकते हैं। पिछले महीने सीबीआइ ने मामले की जांच करने वाले केरल पुलिस व खुफिया विभाग के तत्कालीन शीर्ष अधिकारियों समेत कुल 18 आरोपितों के खिलाफ षड्यंत्र व जाली दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज किया था। वर्ष 2020 में मामले में तब नया मोड़ आ गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने अवकाश प्राप्त जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करते हुए इस आशय की जांच के आदेश दिए थे कि कहीं नारायणन को फंसाने के लिए तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने षड्यंत्र तो नहीं रचा था।

प्रेट्र के अनुसार, पीड़िता फौजिया हसन व मरियम रशीदा ने सीबीआइ से मुआवजे का मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाने का आग्रह किया है। दोनों ने मामले में नामजद किए गए तत्कालीन पुलिस व आइबी के अधिकारियों समेत सभी 18 आरोपितों से दो-दो करोड़ रुपये बतौर मुआवजा दिलाने की मांग की है।


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