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समलैंगिक संबंधों में पैसे के कारण हुई इसरो वैज्ञानिक की हत्या, आरोपी कर रहा था ब्लैकमेल

मंगलवार को 56 वर्षीय सुरेश कुमार हैदराबाद के अमीरपेट में स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। वह इसरो की शाखा नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी से जुड़े थे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 11:27 PM (IST)
समलैंगिक संबंधों में पैसे के कारण हुई इसरो वैज्ञानिक की हत्या, आरोपी कर रहा था ब्लैकमेल
समलैंगिक संबंधों में पैसे के कारण हुई इसरो वैज्ञानिक की हत्या, आरोपी कर रहा था ब्लैकमेल

हैदराबाद, आइएएनएस। समलैंगिक संबंध के बाद भुगतान को लेकर हुए विवाद में इसरो की शाखा नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (National Remote Sensing Centre) के वैज्ञानिक एस. सुरेश कुमार (S. Suresh Kumar) की हैदराबाद में चार दिनों पहले हत्या हुई थी। एक लैब टेक्नीशियन (Lab Technician) की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने हत्या के मामले के रहस्यों से पर्दा उठा दिया।

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गिरफ्तार लैब टेक्नीशियन का वैज्ञानिक के साथ संबंध था। मंगलवार को 56 वर्षीय सुरेश कुमार हैदराबाद के अमीरपेट में स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। वह एनआरएसए से जुड़े थे। पुलिस ने कहा कि आरोपित जे. श्रीनिवास ने भुगतान को लेकर हुए झगड़े के दौरान चाकू घोंपकर वैज्ञानिक की हत्या कर दी।

वैज्ञानिक की सोने की अंगूठी से मिली पुलिस को मदद

हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने बताया कि आरोपित ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। वह वैज्ञानिक के यहां नियमित रूप से जाता रहता था। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक की सोने की अंगूठी, 10,000 रुपये नकद, मोबाइल फोन और बाहर से दरवाजा बंद करना अपराधी तक पहुंचने में मददगार साबित हुआ। जांचकर्ता खून का नमूना, घटनास्थल पर बाल और वैज्ञानिक के फोन कॉल डाटा के विश्लेषण से हत्यारे का पता लगा सकते थे।

आरोपी ब्लड सैंपल के लिए सुरेश कुमार के घर जाता था

पुलिस उपायुक्त बी. सुमति ने बताया कि आरोपी श्रीनिवास विजया डायग्नोस्टिक सेंटर में काम करता था। वह ब्लड सैंपल लेने के लिए नियमित रूप से सुरेश कुमार के घर जाता था। मूल रूप से तेलंगाना के करीमनगर जिले का रहने वाला श्रीनिवास हैदराबाद के एक छात्रावास में रह रहा था।

आरोपी ने अकेलेपन का उठाया फायदा

नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एनआरएसए) के एक तकनीकी विशेषज्ञ सुरेश कुमार अकेले अपने घर में रहते थे और उनकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी थी। उन्होंने कहा, 'उनके अकेलेपन और आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर ही ब्लड सैंपल के नाम पर संदिग्ध को उनके करीब आने के लिए प्रेरित किया।'


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