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इसरो ने नासा के साथ मिलकर बनाया 'निसार', पृथ्वी पर होने वाले हल्के बदलाव को भी मापने में सक्षम

इस परियोजना में साझेदारी पर नासा और इसरो के बीच 30 सितंबर 2014 को हस्ताक्षर किए गए थे। अभियान को 2022 की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित इसरो के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शुरू किया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 08:28 AM (IST)
इसरो ने नासा के साथ मिलकर बनाया 'निसार', पृथ्वी पर होने वाले हल्के बदलाव को भी मापने में सक्षम
सिंथेटिक अपर्चर रडार पृथ्वी के उच्च गुणवत्ता वाले चित्र प्रस्तुत करने में सक्षम है।

बेंगलुरु, प्रेट्र : पृथ्वी के संयुक्त रूप से अवलोकन के लिए उपग्रह अभियान के वास्ते इसरो ने अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर 'सिंथेटिक अपर्चर रडार' (एसएआर) के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया है। एसएआर पृथ्वी के उच्च गुणवत्ता वाले चित्र प्रस्तुत करने में सक्षम है। नासा-इसरो एसएआर (निसार) पृथ्वी की सतह के निरीक्षण को लेकर दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों का एक संयुक्त प्रयास है।

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नासा के अनुसार, 'निसार, रडार की दो भिन्न आवृत्तियों (एल और एस बैंड) का प्रयोग करने वाला पहला उपग्रह अभियान होगा। इससे हमारे ग्रह की सतह पर एक सेंटीमीटर से भी कम दूरी में होने वाले बदलाव को मापा जा सकेगा।'

इस परियोजना में साझेदारी पर नासा और इसरो के बीच 30 सितंबर, 2014 को हस्ताक्षर किए गए थे। अभियान को 2022 की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित इसरो के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शुरू किया जाएगा। इसरो की ओर से कहा गया, 'निसार की सहायता से पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव से लेकर बर्फ के पिघलने और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन जैसी आपदाओं की प्रक्रिया को समझने में आसानी होगी।'


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