रोवर के चांद पर सही सलामत उतरने और कुछ दूर तक चलने के दावों की जांच कर रहा इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि वह चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर सही सलामत उतरने के दावों की जांच कर रहा है।
चेन्नई, आइएएनएस। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, ISRO) ने कहा है कि वह चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर सही सलामत उतरने के दावों की जांच कर रहा है। चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम के मलबे को तलाश वाले शनमुग सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि रोवर प्रज्ञान सही सलामत विक्रम से बाहर निकला था और कुछ दूर तक चला भी था।
चंद्रमा की सतह की तस्वीरों के साथ एक के बाद एक ट्वीट में सुब्रमण्यम (Shanmuga Subramanian) ने कहा कि प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सही सलामत उतरा और लैंडर विक्रम से बाहर निकलकर कुछ दूर तक चला। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि सुब्रमण्यम से जानकारी मिली है और उसका आकलन किया जा रहा है। सुब्रमण्यम ने कहा है कि कई दिनों तक लैंडर को कमांड भेजे गए थे।
इसकी संभावना है कि लैंडर उस कमांड को रोवर तक भेजा हो लेकिन संपर्क टूट जाने की वजह से लैंडर उसे पृथ्यी के नियंत्रण कक्ष तक भेजने में सक्षम नहीं था। नासा के लूनर रिकॉनैसैंस ऑर्बिटर (NASA's Lunar Reconnaissance Orbital) द्वारा इस साल चार जनवरी को ली गई तस्वीरों को ट्वीट करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि इस तस्वीर में जो सफेद निशान दिख रहा है वो विक्रम का हो सकता है और जो काला निशान नजर आ रहा है वह रोवर प्रज्ञान हो सकता है।
बीते दिनों इसरो ने कहा था कि चंद्रयान-2 से मिलने वाले वैज्ञानिक आंकड़ों को वैश्विक उपयोग के लिए अक्टूबर से जारी किया जाएगा। इसरो की मानें तो चंद्रयान-2 के पेलोड्स से व्यापक आंकड़े हासिल हुए हैं। चंद्रमा पर पानी और बर्फ की उपलब्धता के संबंध में अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा वहां उपलब्ध गैसों और खनिज पदार्थों के बारे में भेजी गई जानकारियों का विश्लेषण भी किया जा रहा है।