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इतिहास रचने की तैयारी में ISRO, कल 27 मिनट में लॉन्च करेगा 14 सैटेलाइट

ईसरो बुधवार को इतिहास रचने जा रहा है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से 14 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 03:30 PM (IST)
इतिहास रचने की तैयारी में ISRO, कल 27 मिनट में लॉन्च करेगा 14 सैटेलाइट
इतिहास रचने की तैयारी में ISRO, कल 27 मिनट में लॉन्च करेगा 14 सैटेलाइट

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ईसरो) एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। 27 नवंबर बुधवार को  आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से सुबह करीब 9.28 मिनट पर 14 सैटेलाइट एक साथ अंतरिक्ष में भेजेगा। ईसरो 27 मिनट में इन सभी सेटेलाइट को लॉन्च करेगा। इसरो इन सभी को पीएसएलवी एक्सएल वेरिएंट के जरिए भेजेगा। 

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इसमें मुख्य रुप से भारत का 1,625 किलोग्राम का कार्टोसैट, 3 उपग्रह और 13 नैनो अमेरिकी उपग्रह इसमें भेजे जाएंगे। इस काम के लिए इसरो की नई वाणिज्यिक शाखा- न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को भुगतान करेगा। इसरो के अनुसार, कार्टोसैट 3 एक तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है। उड़ान से ठीक पहले 17 मिनट तक पीएसएलवी रॉकेट पहले कार्टोस्टेट की आर्बिट में परिक्रमा करेगा।  इसमें पांच साल का एक मिशन जीवन होगा।       

बता दें कि कार्टोसैट 3 जो है वह तीसरी पीढ़ी का फुर्तिला उन्नत उपग्रह है जिसमें हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग क्षमचा है। जो अंतरिक्ष से भारत की सीमाओं की निगरानी करने में मदद करेगा। इसे 97.5 डिग्री के झुकाव के साथ 509 किमी की क्लास में रखा जाएगा। यह उपग्रह उच्च गुणवत्ता वाले फोटो क्लिक करेगा। ग्रामीण संसाझन, शहरी नियोजन, तटीय भूमि उपयोग, भूमि कवर, बुनियादी ढांचे के विकास को पूरा करते हैं।  फिर इसके बाद एक मिनट के अंदर 13 अमेरिकी नैनोसैटेसाइटों में से एक को कक्षा में रखा जाएगा। अमेरिका की नैनोसैटेलाइट्स फ्लैक-4 पी रखा गया है। जबकि पृथ्वी का अवलोकन उपग्रह है जबकि तेरहवें का नाम मेशबेड है जो ये एक संचार टेस्ट बेड सेटेलाइट है।             

बता दें कि PSLV XL 320 टन भारी और 44 मीटर लंबा रॉकेट है। ये ठोस और तरल ईंधन के जरिए संचालित किया जाता है। उड़ान के शुरुआती चरण में इसमें अतिरिक्त जोर देने के लिए इसमें छह स्ट्रैप ऑन बूस्टर मोटर्स हैं। इससे पहले इसी साल 22 मई को उसरो ने कार्टोसैट -2 एक पृथ्वी इमेजिंग सेटेलाइट भेजा था। इसमें मल्टी स्पेक्ट्रन कैमरे लगाए गए थे। इसे आई इन द इकाई के नाम से भी जाना जाता है।              


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