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‘निगेटिव आने के बाद भी लक्षण रहने तक रहें आइसोलेट, जरूरी नहीं जुकाम-बुखार कोरोना संक्रमण ही हो’, जाने डाक्टर की राय

अगर आपको सर्दी खांसी जुकाम और बुखार जैसे लक्षण हैं तो जरूरी नहीं कि आपको कोरोना ही हो। ये लक्षण आपको सर्दी लगने की वजह से भी हो सकते हैं। इसलिए लक्षण होने पर खुद को कोरोना संक्रमित मानकर डरने की जरूरत नहीं है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 09:39 PM (IST)
‘निगेटिव आने के बाद भी लक्षण रहने तक रहें आइसोलेट, जरूरी नहीं जुकाम-बुखार कोरोना संक्रमण ही हो’, जाने डाक्टर की राय
निगेटिव आने के बाद भी लक्षण रहने तक रहें आइसोलेट (जागरण.काम, फाइल फोटो)

राहुल चौहान, नई दिल्ली: अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण हैं तो जरूरी नहीं कि आपको कोरोना ही हो। ये लक्षण आपको सर्दी लगने की वजह से भी हो सकते हैं। इसलिए लक्षण होने पर खुद को कोरोना संक्रमित मानकर डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि बिना लापरवाही बरते जांच कराना जरूरी है। यह कहना है सफदरजंग अस्पताल में माइक्रोबायलाजी विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर डा. बीएल शेरवाल का। उनका कहना है कि लक्षण होने पर अगर जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो भी जब तक लक्षण रहें, तब तक घर में ही रहें और मास्क लगाएं।

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सर्दी-खांसी होने पर आइसोलेट होने की जरूरत नहीं

डा. बीएल शेरवाल ने सुझाव देते हुए कहा है कि जितना संभव हो, घरवालों से दूरी बनाकर रखें। लेकिन, ऐसे में कमरे में आइसोलेट होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि एच1एन1 फ्लू के लक्षण भी सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के ही होते हैं, इसलिए बचाव रखना जरूरी है। अगर जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो खुद को आइसोलेट करके डाक्टर की सलाह लें।

नेगेटिव होने के बाद भी पांच-छह दिन तक रहते हैं लक्षण

दिल्ली में सोमवार को संक्रमण दर 27.99 फीसदी थी। इसका मतलब है कि दिल्ली में अभी भी लक्षण वाले मरीजों की जांच के बावजूद सिर्फ 28 प्रतिशत लोग ही जांच में संक्रमित पाए जा रहे हैं और 72 प्रतिशत लोग नेगेटिव आ रहे हैं, लेकिन सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। वहीं, इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायलाजी (आइजीआइबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल का कहना है कि अगर आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी पांच-छह दिन तक लक्षण रहते हैं तो डाक्टर की सलाह से दोबारा जांच करानी चाहिए। क्योंकि पहले भी कई मामलों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सीटी स्कैन में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी।

डाक्टरी सलाह के बिना न कराएं सीटी स्कैन

सीटी स्कैन में संक्रमण की पुष्टि न हो ऐसा इस बार भी हो सकता है। लेकिन डाक्टर की सलाह के बिना सीटी स्कैन नहीं कराना चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के निर्देशानुसार अब बिना लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच बंद कर दी गई है। अब नए नियम के अनुसार सिर्फ लक्षण वाले कोरोना मरीजों की ही जांच हो रही है।


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