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पार्किंग की विकराल होती समस्या: एक परिवार को चार गाड़ियां रखने की अनुमति क्यों?

गाड़ियों की अव्यवस्थित पार्किंग छोटे से लेकर बड़े शहरों में जाम और प्रदूषण की वजह बन रही है। ऐसे में यह सवाल मौजूं है कि विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या के समाधान की दिशा में सरकारें संवेदनशीलता का परिचय क्यों नहीं दे रहीं?

By TilakrajEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 01:58 PM (IST)
पार्किंग की विकराल होती समस्या: एक परिवार को चार गाड़ियां रखने की अनुमति क्यों?
अखबारों में आए दिन गाड़ी पार्किंग को लेकर मार-पीट की खबरें भी आती रहती हैं

अली खान। बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा है कि मुंबई और उपनगरों में पार्किंग की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। सड़कों की लगभग चालीस फीसद जगह गाड़ी पार्किंग से सिकुड़ जाती है। इससे आम आदमी के लिए चलने की जगह नहीं रह जाती। पीठ ने सवाल उठाया है कि एक परिवार को चार से पांच गाड़ियां रखने की अनुमति क्यों दी जा रही है?

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पार्किंग के लिए जगह हो तभी नई गाड़ी खरीदने की अनुमति देनी चाहिए। दरअसल, बिल्डर बहुमंजिला इमारतों में गाड़ियों की पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं करते, जिसके चलते उसके निवासी सोसायटियों के बाहर सड़कों पर पार्किंग करते हैं। यही वजह है कि आज पार्किंग की समस्या कमोबेश देश के सभी शहरों में देखी जा सकती है।

अखबारों में आए दिन गाड़ी पार्किंग को लेकर मार-पीट की खबरें भी आती रहती हैं। गत दिनों उत्तर प्रदेश से खबर सामने आई थी कि एक दुकान के सामने गाड़ी पार्क करने के कारण दुकानदार और ड्राइवर के बीच हाथापाई हो गई थी। छत्तीसगढ़ से एक खबर थी कि गाड़ी पार्किंग को लेकर दो पक्षों के बीच गोलीबारी हो गई थी। शहरों में पार्किंग की समस्या के कारण विवाद बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह सवाल मौजूं है कि विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या के समाधान की दिशा में सरकारें संवेदनशीलता का परिचय क्यों नहीं दे रहीं?

देश के सभी शहरों में यह भी देखा गया है कि बाजार में जगह नहीं होने के कारण लोग मनमर्जी करते हुए फुटपाथ और सड़कों पर गाड़ी पार्क करने से पीछे नहीं हटते। यह अव्यवस्थित पार्किंग छोटे से लेकर बड़े शहरों में जाम की वजह बन रही है।

देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी वाहनों की पार्किंग का संकट लगातार बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, सत्तर लाख से अधिक वाहनों वाले इस महानगर में वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन इसी अनुपात में पाìकग के इंतजाम नहीं किए जा रहे। देश की राजधानी दिल्ली के साथ एक बड़ी समस्या यह भी जुड़ी हुई है कि यहां पड़ोसी शहरों से प्रतिदिन लाखों की संख्या में गाड़ियां आती हैं। इन्हें भी कहीं न कहीं जगह चाहिए। यही वजह है कि सड़क से लेकर बाजार तक बुरा हाल है। बढ़ते वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण से भी राजधानी दिल्ली को दो-चार होना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया था कि शहर में बढ़ते प्रदूषण, सड़क जाम और पाìकग जैसी समस्याओं पर काबू पाने के लिए निजी वाहनों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाई जाए। इसके लिए पार्किंग शुल्क में इजाफे की बात कही गई थी, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पार्किंग समस्या का यह स्थायी समाधान हो सकता है? जरूरत इस बात की अधिक है कि पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए जाएं।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)


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