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'रिंकल्स अच्छे हैं', बिना इस्त्री किए कपड़े जलवायु परिवर्तन से लड़ने में कर सकते हैं मदद, जानिए कैसे?

एनर्जी स्वराज मूवमेंट के संस्थापक चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि हम हर सोमवार को करीब 125000 किग्रा कार्बन उत्सर्जन कम कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के सबसे आसान समाधानों में से एक कुछ न करना है। उन्होंने कहा कि हमारा रिंकल्स अच्छे हैं अभियान जोर पकड़ रह है। इसमें हम लोगों से सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने के लिए कह रहे हैं।

By Agency Edited By: Babli Kumari Published: Wed, 08 May 2024 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 08:00 PM (IST)
लोगों से सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने के लिए कह रहे हैं (प्रतिकात्मक फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने एक अनूठी पहल 'रिंकल्स अच्छे हैं' (सिलवटे) के तहत हर सोमवार को अपने कर्मचारियों को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने के लिए कहा है। इससे करीब 1,25,000 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन से बचा जा सकता है।

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आइआइटी बांबे के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने यह जानकारी दी। हालांकि,सीएसआइआर ने स्पष्ट किया कि उसके मुख्यालय ने अपनी प्रयोगशालाओं को ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, जिसमें कर्मचारियों को इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने से बचने को कहा गया हो।

'रिंकल्स अच्छे है' पहल का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना

सीएसआइआर ने एक पोस्ट में कहा कि 23 अप्रैल 2024 को पृथ्वी दिवस समारोह के दौरान आइआइटी बांबे के प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने सीएसआइआर मुख्यालय में जलवायु घड़ी स्थापित करने के बाद अपने भाषण में ऐसे विचार साझा किए थे। 'रिंकल्स अच्छे है' पहल का उद्देश्य हर किसी को ऊर्जा बचाने, पर्यावरण की रक्षा करने और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में याद दिलाना है।

सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने पर दिया जा रहा जोर 

एनर्जी स्वराज मूवमेंट के संस्थापक चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि हम हर सोमवार को करीब 1,25,000 किग्रा कार्बन उत्सर्जन कम कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के सबसे आसान समाधानों में से एक कुछ न करना है। उन्होंने कहा कि हमारा 'रिंकल्स अच्छे हैं' अभियान जोर पकड़ रह है। इसमें हम लोगों से सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जोड़ी कपड़ा इस्त्री न करके हम 200 ग्राम तक कार्बन उत्सर्जन से बच सकते हैं। सोलंकी ने कहा कि हम लाखों लोग एक जैसा करते हैं तो बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन से बचते हैं और यह चलन बन जाता है। अभी हर सोमवार को 6,25,000 लोग इसमें शामिल हो रहे हैं।

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