Move to Jagran APP

BSF के महानिदेशक बनाए गए आइपीएस राकेश अस्थाना

वर्तमान में राकेश अस्थाना नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 08:15 PM (IST)
BSF के महानिदेशक बनाए गए आइपीएस राकेश अस्थाना
BSF के महानिदेशक बनाए गए आइपीएस राकेश अस्थाना

नई दिल्ली, एएनआइ। सीबीआइ में तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ टकराव के कारण चर्चा में आए आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना बीएसएफ के नए महानिदेशक होंगे। वे फिलहाल ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी के महानिदेशक के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा उनके पास नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी थी। अस्थाना बीएसएफ के महानिदेशक के साथ ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जिम्मेदारी भी पहले की तरह संभालते रहेंगे।

prime article banner

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नियुक्ति से संबंधित कैबिनेट कमेटी ने 1984 बैच के आइपीएस अधिकारी को बीएसएफ के नए महानिदेशक बनाने का फैसला किया है। अस्थाना अगले साल 31 जुलाई को सेवानिवृति तक इस पद पर बने रहेंगे। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी में आने के पहले अस्थाना सीबीआइ में अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्यरत थे। जहां तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ ही कई मुद्दों की जांच को लेकर मतभेद सामने आ गये थे।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी वीएसके कौमुदी को गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा का विशेष सचिव नियुक्त किया गया है। वे अभी ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट के महानिदेशक के रूप में काम कर रहे थे। साथ ही 1986 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आइपीएस अधिकारी और सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक जावेद अख्तर को फायर सर्विस, सिविल डिफेंस व होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है।

बता दें कि 1984 बैच के गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना जब सीबीआइ में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात थे, तो उनका डायरेक्टर आलोक वर्मा के साथ विवाद हुआ था। इस विवाद को लेकर दोनों अधिकारी कोर्ट पहुंच गए थे।

राकेश अस्थाना का जन्म 1961 में झारखंड के रांची में हुआ था। उन्होंने हायर स्टडीज देश की विख्यात जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से की है। अपनी हायर एजुकेशन पूरी करने के बाद वो रांची वापस आ गए और यहां कॉलेज में हिस्ट्री पढ़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने 1984 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और बतौर आइपीएस उन्हें गुजरात कैडर मिला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.