जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन तक पहुंची आतंकी फंडिंग की जांच
एनआइए ने एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम को तलब किया...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। हुर्रियत नेताओं समेत एक बड़े व्यापारी की गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम को पूछताछ के लिए तलब किया है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान आतंकी फंडिंग को हासिल करने और उसे आगे बांटने में उसका नाम सामने आया है। कय्यूम के समन के विरोध में घाटी के वकीलों ने काम करना बंद कर दिया है।
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घाटी में आतंकी फंडिंग की जड़े काफी गहरी हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, धीरे-धीरे इसकी परतें खुलती जा रही हैं। पहली नजर में यह अलगाववादियों का खेल लगता था और सात अलगाववादी नेताओं को इसके आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया। लेकिन बाद में इस मामले में घाटी के बड़े व्यापारी जहूद वटाली की अहम भूमिका होने की बात सामने आई। ठोस सबूत मिलने के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में अब जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का नाम सामने आ रहा है। इसी कारण उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
कय्यूम को अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का करीबी माना जाता है। एनआइए का नोटिस मिलने की सूचना मिलते ही घाटी के सभी वकीलों ने कामकाज छोड़ दिया। मंगलवार को भी वकीलों ने हड़ताल का ऐलान किया है। लेकिन एनआइए ने साफ कर दिया है कि आतंकी फंडिंग की जांच में कय्यूम का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है और उन्हें इससे संबंधित सवालों का जवाब देना होगा। उसे बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे एनआइए मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
एनआइए की एफआइआर में आरोप लगाया गया है कि लश्करे तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर कश्मीर घाटी में अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों के लिए बड़ी मात्रा में फंड मुहैया कराता था। इसका उपयोग पत्थरबाजी से लेकर स्कूलों व सरकारी भवनों में आग लगाने, हिंसा फैलाने में किया जाता था। यही नहीं, इसे घाटी में सक्रिय आतंकियों तक भी पहुंचाया जाता था।
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