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94 साल पहले भारतीय महिला ने उड़ाया था विमान, साड़ी पहनकर किया था बड़ा कारनामा

International Womens Day 2020 करीब 94 साल पहले सरला ठकराल नाम की महिला ने सन् 1936 में ही भारतीय महिला ने हवाई जहाज की उड़ान भर ली थी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 03:24 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 07:56 AM (IST)
94 साल पहले भारतीय महिला ने उड़ाया था विमान, साड़ी पहनकर किया था बड़ा कारनामा
94 साल पहले भारतीय महिला ने उड़ाया था विमान, साड़ी पहनकर किया था बड़ा कारनामा

नई दिल्ली, जागरण ऑनलाइन डेस्क। International Women's Day 2020: कहते हैं महिलाओं को थोड़ी आजादी मिल जाए तो वह आसमान की ऊंचाईयों को नाप सकती हैं। हालांकि, आज के जमाने में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। सेना से लेकर बड़ी-बड़ी इमारतों के निर्माण में ये शामिल हैं। इतना ही नहीं आसमान की ऊंचाईयों को छुने वाली ये महिलाएं आज लड़ाकू विमान उड़ाकर देश का नाम रोशन कर रही है। ऐसा नहीं है कि आज की ही भारतीय महिलाएं ऐसे कारनामे कर रही हैं। आज से करीब 94 साल पहले सन् 1936 में ही भारतीय महिला ने हवाई जहाज की उड़ान भर ली थी। महिला का नाम था सरला ठकराल और हैरान करने वाली बात ये है कि ऐसा उन्होंने साड़ी पहनकर किया था। 

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 महज 21 साल की उम्र में किया ये कारनामा 

सरला का जन्म 1914 में दिल्ली में हुआ था। 1936 में जब देश आजाद भी नहीं हुआ था उस वक्त परंपराओं से विपरित पुरुषों की जागिर माने जाने वाले क्षेत्र में अपना वार्चस्व कायम किया। इसी के साथ वह भारत की पहली महिला पायलट बनीं। उस वक्त उन्होंने जिस हवाई जहाज को उड़ाया था उसका नाम 'जिप्सी मॉथ'। ये उस वक्त का सबसे एडवांस हवाई जहाज था। उन्होंने इसे बिना किसी सह-पायलट के अकेले ही उड़ाया था। जिस वक्त उन्होंने देश का मान बढ़ाया उस वक्त उनकी 4 साल की एक बेटी भी थी। 

 

फ्लाइंग क्लब के कलर्क ने जताई थी आपत्ति

सरला की शादी महज 16 साल की उम्र में पीडी शर्मा के साथ कर दी गई थी। पी.डी शर्मा एक व्यावसायिक विमान चालक थे। पी.डी शर्मा ने उन्हें बहुत प्रोत्साहित किया था। एक साक्षात्कार में सरला ने बताया था कि जब उन्होंने अपनी आवश्यक उड़ान के घंटों को पूरा कर लिया था। तब मेरे प्रशिक्षक चाहते थे कि मैं अकेले ही हवाई जहाज से उड़ान भरूं। मेरे साथ जिन लड़कों ने ट्रेनिंग ली थी उन्होंने मुझे कोई सवाल नहीं किया लेकिन, फ्लाइंग क्लब के क्लर्क ने मेरे उड़ान भरने पर आपत्ति जताई थी। इसके अलावा मुझे किसी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा था।  

ये खिताब भी किया अपना नाम 

आपको जानकर हैरानी होगी की सरला ठकराल 1000 घंटे की उड़ान पूरी कर 'A' लाइसेंस हासिल करने वाली पहली भारतीय का खिताब से उन्हें नवाजा गया था। बता दें कि वह अधिकतर कराची और लाहौर के बीच उड़ान भरा करती थी। 

 हादसे के बाद अचानक ही बदल गई सरला की जिंदगी

जिस वक्त उनकी जिंदगी में सब कुछ अच्छा हो रहा था और वह 1939 में कमर्शियल पायलट के लिए लाइसेंस के लिए महनत कर रही थीं। उस वक्त दूसरे विश्व युद्ध की वजह से बीच में ही उनकी ट्रेनिंग रुक गई। तभी एक विमान दुर्घटना में उनके पति की मौत हो गई थी। पति के देहांत के बाद उन्होंने कमर्शियल पायलट का सपना छोड़ दिया। उसके बाद उन्होंने  'मेयो स्कूल ऑफ़ आर्ट' में एडमिशन लिया और पेंटिंग और फाइन आर्ट में डिप्लोमा किया। 

देश के बंटवारे के बाद वो अपनी दो बेटियों को लेकर दिल्ली आकर बस गई। 1948 में उन्होंने पी.पी ठकराल से शादी की। एक नई शुरुआत करते हुए उन्होंने कपड़े और गहने डिजाइन करना शुरु किया। 20 साल तक वह अपनी बनाई चीजों को कुटीर उद्योग (Cottage industries) को देती रही। इसके बाद उन्होंने अपनी पहचान एक सफल बिजनेस वूमन और पेंटर के रुप में बनाई। 15 मार्च 2008 में उनका निधन हो गया। 


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