छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र में कुकर और टिफिन वितरण योजना को लेकर खुफिया तंत्र चिंतित
खुफिया तंत्र को आशंका है कि राज्य सरकार द्वारा बांटे जा रहे टिफिन और अब प्रेशर कुकर का दुरुपयोग नक्सली बम बनाने में कर सकते हैं।
हिमांशु शर्मा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में चौथी बार सत्ता में वापसी के लिए छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार लगातार मुफ्त वितरण योजनाएं लागू कर रही है। पिछले दिनों मोबाइल वितरण के बाद मनरेगा मजदूरों को टिफिन बांटने और अब आदिवासी क्षेत्रों में प्रेशर कुकर बांटने की योजना सरकार लागू कर रही है। }
इन योजनाओं को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार का विरोध कर रहा है, वहीं आइबी भी इस योजना को लेकर चिंतित है। खुफिया तंत्र को आशंका है कि राज्य सरकार द्वारा बांटे जा रहे टिफिन और अब प्रेशर कुकर का दुरुपयोग नक्सली बम बनाने में कर सकते हैं। आइबी ने राज्य सरकार को अलर्ट जारी करते हुए इन योजनाओं पर रोक लगाने की सलाह दी है।
सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस विंग की एक बैठक में इस पर चर्चा के बाद राज्य सरकार को आइबी की ओर से आगाह किया गया है कि इस तरह की योजनाओं को सुरक्षा के मद्देजनर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए। आइबी को आशंका है कि ग्रामीणों को बांटे जा रहे टिफिन और कुकर को नक्सली उनसे डरा धमका कर छीन सकते हैं और वे इनका उपयोग बड़े पैमाने पर चुनाव के दौरान आइइडी प्रेशर बम के रूप में कर सकते हैं।
सरकार की अन्त्योदय योजना के तहत कुकर मुफ्त वितरित किए जाएंगे। पहले इसे आदिवासी इलाकों में बांटा जाएगा और फिर सामान्य बस्तियों में पार्टी के पार्षद के हाथों वितरण किया जाएगा।
नक्सलियों ने बदली रणनीति, तेजी से बढ़ कुकर बम का चलन
नक्सलियों की बदली रणनीति में टिफिन बम के साथ-साथ कुकर बम का चलन तेजी के साथ बढ़ा है। अब बड़े पैमाने पर कुकर का इस्तेमाल बम ब्लास्ट करने के लिए किया जा रहा है। पिछले दिनों कोंडागांव जिले में हुए आइइडी ब्लास्ट प्रेशर कुकर का उपयोग किया गया था। इस घटना में आइटीबी के जवानों को नक्सलियों ने निशाना बनाया था। इस तरह के बम बनाने में नक्सली 3 से लेकर 5 लीटर तक के कुकरों का इस्तेमाल करते हैं। राज्य सरकार की योजना में इसी आकार के कुकरों का वितरण किया जाना शामिल है।
तमिलनाडु पैटर्न पर मुफ्त सामान बांटने की योजना चला रही सरकार
राज्य की भाजपा सरकार तमिलनाडु पैटर्न पर इन दिनों मुफ्त सामान बांटने की योजनाएं चला रही है। इसके तहत घर-परिवार के कई जरूरी सामान जनता को मुफ्त में मुहैया कराने के लिए सरकारी तिजोरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पैटर्न का उपयोग कर तमिलनाडु में वोटरों को काफी लाभ पहुंचाया गया था। मुफ्त वितरण योजनाओं ने वहां राजनीतिक दलों को सत्ता तक पहुंचा दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का इस तरह की योजनाओं के पीछे तर्क है कि सरकार का धन जनता का धन है, लिहाजा इसे जनता को वापस कर दें।विपक्ष भी जता रहा योजना का विरोध
कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने बीजेपी सरकार द्वारा टिफिन बांटे जाने पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने टिफिन तो दे दिया, लेकिन जनता खाना कहां से लाए। मुफ्त कुकर बांटने को लेकर भी विपक्ष लगातार सरकार के प्रति विरोध जता रहा है।
अपनी तरफ से सतर्क है पुलिस
आदिवासी क्षेत्रों में जरूरतमंदों को कुकर बांटने की महत्वकांक्षी योजना सरकार चला रही है। यह पूरी तौर पर जनकल्याण की योजना है। इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। सिर्फ कुकर का इस्तेमाल नक्सली आइइडी बम के रूप में करते हैं, ऐसा नहीं है। गैस सिलेंडर और दूध के केन जैसी चीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस अपनी तरफ से सतर्कता बरत रही है।
- विवेकानंद सिन्हा, आइजी, बस्तर रेंज