देश में ओमिक्रोन का सामुदायिक संक्रमण, कोरोना जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने कहा- नए वैरिएंट की चपेट में कई महानगर
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium INSACOG) ने रविवार को अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि देश में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामुदायिक प्रसारण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में है। यह कई महानगरों में प्रभावी हो गया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामुदायिक संक्रमण की अवस्था में पहुंच गया है। इंसाकाग ने अपनी नवीनतम बुलेटिन में यह भी कहा है कि कई महानगर इसकी चपेट में हैं जहां बड़ी संख्या में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि ज्यादातर मामले बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले ही हैं। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकाग) के मुताबिक ओमिक्रोन के उप वैरिएंट बीए.2 के मामले भी देश के कई हिस्सों में पाए गए हैं।
ज्यादातर मामले हल्के लक्षण वाले
कोरोना संक्रमण के मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाली 38 प्रयोगशालाओं के संगठन इंसाकाग ने रविवार को जारी 10 जनवरी की अपनी बुलेटिन में कहा है कि यद्यपि की ओमिक्रोन के ज्यादातर मामले हल्के और बिना लक्षण वाले हैं लेकिन मौजूदा लहर में अस्पतालों और आइसीयू में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। लेकिन ओमिक्रोन से खतरे का स्तर नहीं बदला है यानी यह कम खतरनाक ही बना हुआ है।
पीसीआर आधारित जांच ही सही
जीनोमिक शोध संगठन का यह भी कहना कि एस जीन का पता लगाने वाली जांच ठीक नहीं है क्योंकि इससे रिपोर्ट गलत आने की संभावना ज्यादा है। इसलिए ओमिक्रोन के लिए पीसीआर आधारित जांच ही सही है। बता दें कि संक्रमितों के सैंपल में एस जीन नहीं मिलने पर उसे ओमिक्रोन का मामला मान लिया जाता है। हालांकि, ओमिक्रोन की पुष्टि जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये ही की जाती है।
नए वैरिएंट बी.1.640.2 पर भी नजरें
इंसाकाग ने कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट बी.1.640.2 पर भी उसकी नजर है। यह वैरिएंट हाल ही में कुछ दूसरे देशों में पाया गया है। प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलने से सक्षम होने के बावजूद इसे चिंताजनक वैरिएंट की श्रेणी में नहीं रखा गया है। इंसाकाग के मुताबिक भारत में अभी इसका कोई केस नहीं मिला है।
दिल्ली और मुंबई में कम हो रहे केस
इंसाकाग ने तीन जनवरी की अपनी बुलेटिन में कहा है कि ओमिक्रोन ने दिल्ली और मुंबई को भी अपनी चपेट में ले लिया था, जहां संक्रमण के मामलों का विस्फोट हो गया था। अब दोनों महानगरों में मामले कम हुए हैं।
Edited By Krishna Bihari Singh