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विक्रांत की नीलामी का रास्ता साफ, कोर्ट ने भी की हां

रक्षा मंत्रालय ने देश के पहले विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत को नीलाम करने के अपने फैसले को सही ठहराया है। मंत्रालय ने गुरुवार को बांबे हाई कोर्ट में कहा कि विक्रांत अपनी संचालन अवधि पूरी कर चुका है और उसे नीलाम कर देना ही सही होगा। कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका प

By Edited By: Published: Fri, 17 Jan 2014 02:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2014 07:17 AM (IST)
विक्रांत की नीलामी का रास्ता साफ, कोर्ट ने भी की हां

मुंबई। रक्षा मंत्रालय ने देश के पहले विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत को नीलाम करने के अपने फैसले को सही ठहराया है। मंत्रालय ने गुरुवार को बांबे हाई कोर्ट में कहा कि विक्रांत अपनी संचालन अवधि पूरी कर चुका है और उसे नीलाम कर देना ही सही होगा।

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कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर रक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा, यह पोत 70 साल से अधिक पुराना हो चुका है और इसने अपनी संचालन अवधि पूरी कर ली है। जितनी जल्दी हो सके इसे नष्ट करने के लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। जनहित याचिका में कोर्ट से पोत की 29 जनवरी को होने वाली नीलामी रोकने और इसे संग्रहालय के रूप में तब्दील करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।

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मंत्रालय का कहना है कि पोत को नया रूप देना या इसकी मरम्मत कराना बहुत खर्चीला है। नौसेना अब तक इसका रखरखाव करती आई है जिस पर 22 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 1998 में पोत को संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव देने वाली महाराष्ट्र सरकार ने भी न तो अब तक इसके लिए कोई उचित जगह उपलब्ध कराई और न ही इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाई।

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