आईएनएस किलटन आज नौसेना में होगा शामिल, देश का सबसे घातक युद्धपोत
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आज पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम युद्धपोत आईएनएन किलटन को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगी।
विशाखापत्तनम, एजेंसी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण 16 अक्टूबर को पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम युद्धपोत आईएनएन किलटन को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगी। नौसेना के नौसैनिक डॉकयार्ड से जारी बयान के अनुसार कमोरटा क्लास श्रेणी के चार युद्धपोत में से यह तीसरा है। इसका निर्माण प्रोजेक्ट 28 के तहत हुआ है।
कमिशनिंग सेरेमनी में नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा और अन्य मेहमानों की मौजूदगी रहेगी। नौसेना के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने इसे आकार दिया है। कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने इसका निर्माण कराया है।
-पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम युद्धपोत अब तक का सबसे घातक
-रॉकेट से लेकर मिसाइल तक आईएनएस किलटन से दागे जाते हैं
बयान में कहा गया है कि देश आत्मनिर्भर होता जा रहा है। इसलिए 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय हितों को साधने के लिए घातक युद्धपोत का निर्माण किया गया है। शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास, आईएनएस कामोरता और आईएनएस कदमात के बाद आईएनएस किलटन देश का सबसे घातक युद्धपोत है। इस युद्धपोत में घातक हथियारों के साथ ही सेंसर भी लगाए गए हैं।
यह देश का पहला ऐसा युद्धपोत है जिसके विशाल ढांचे में कार्बन फाइबर लगा है। इस मटेरियल के इस्तेमाल से जहाज का भार कम होता है और रखरखाव का खर्च भी कम हो जाता है। इस युद्धपोत को भारी-भरकम टारपीडो के साथ ही एएसडब्लू रॉकेटों से लैस किया गया है। इसमें 76 एमएम कैलिबर की मीडियम रेंज की बंदूक और दो मल्टी-बैरल 30 एमएम गन भी इसकी शस्त्र प्रणाली में शामिल हैं। इसे अग्नि नियंत्रण प्रणाली, मिसाइल तैनाती रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रानिक सपोर्ट मेजर सिस्टम सोनार और रडार रेवती से भी लैस किया गया है। इस जहाज में जल्दी ही कम दूरी की सैम प्रणाली और एएसडब्लू हेलिकॉप्टर भी तैनात किए जाएंगे। इस युद्धपोत का नाम अमिनिदिवि समूह के द्वीपों में से एक से लिया गया है।