सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रभावशाली लोग अपने मामलों के शीघ्र निपटारे को नहीं प्राप्त कर सकते आदेश
पीठ ने कहा कि अमीर और प्रभावशाली अदालत में आते हैं और निर्देश प्राप्त कर लेते हैं कि उनके मामलों का फैसला पहले किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश के 'समृद्ध एवं प्रभावशाली' लोगों को स्पष्ट किया कि उनके मामलों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। साथ ही वह हाई कोर्ट या निचली अदालतों को किसी भी मामले को खास समयसीमा के अंदर फैसला करने का निर्देश नहीं देगा।
जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसने बंबई हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में अग्रिम जमानत की उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया और कहा कि अगर वह दो सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण कर दे तो सुनवाई अदालत याचिकाकर्ता की नियमित जमानत याचिका पर विचार करेगी। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से आग्रह किया कि वह निचली अदालत को उसकी याचिका पर जल्द फैसला करने का निर्देश दे।
पीठ ने कहा, 'अमीर और प्रभावशाली अदालत में आते हैं और निर्देश प्राप्त कर लेते हैं कि उनके मामलों का फैसला पहले किया जाना चाहिए। हम देश की किसी भी अदालत को खास समयसीमा में मामले का फैसला करने का निर्देश नहीं देंगे, चाहे यह हाई कोर्ट हो या निचली अदालत हो।' पीठ ने कहा कि किसी भी अदालत को ऐसा आदेश नहीं देंगे। याचिकाकर्ता महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में दर्ज एक आपराधिक मामले में आरोपी है। उसने निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।