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'वैक्‍सीन की कहीं करोड़ों खुराक तो कहीं एक भी नहीं, ऐसे नहीं रुकेगी महामारी', WHO प्रमुख की बढ़ी चिंता

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कुछ देशों में वैक्‍सीन की कोई खुराक तक नहीं पहुंचाई जा सकी है जबकि कुछ देश इसको अपनी पूरी आबादी को देने पर तुले हुए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 03:38 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 10:27 PM (IST)
'वैक्‍सीन की कहीं करोड़ों खुराक तो कहीं एक भी नहीं, ऐसे नहीं रुकेगी महामारी', WHO प्रमुख की बढ़ी चिंता
दुनिया में कोरोना वैक्‍सीन की उपलब्‍धता और इसके वितरण में समस्‍या

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। दुनियाभर में बढ़ते कोरोना के मामले सभी के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। ऐसे में जल्‍द से जल्‍द लोगों का वैक्‍सीनेशन जरूरी है। वहीं ये भी जरूरी है कि जहां पर वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं है वहां पर तुरंत इसकी उपलब्‍धता करवाई जाए। इसके लिए ये भी जरूरी है कि वैक्‍सीन के उत्‍पादन में तेजी लाई जा सके जिससे कम समय में अधिक लोगों तक इसकी पहुंच कायम हो सके। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसकी वजह से विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रमुख की चिंता बढ़ गई है। 

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उन्‍‍‍‍‍‍‍‍होंने कहा है कि कुछ देश वैक्‍सीन को युवाओं को देने की तैयारी कर रहे है जबकि वो कम खतरे में हैं और दूसरी तरफ बुजुर्गों और इससे लड़ रहे लोगों को भी वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं हो पा रही है। दुनिया को इस बारे में आगाह किया है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम केवल लोगों को सुरक्षित होने का धोखा ही दे सकेंगे उन्‍हें सुरक्षित नहीं कर सकेंगे। दरअसल, उनकी सबसे बड़ी चिंता वैक्‍सीन की उपलब्‍धता का कम होना और इसके वितरण को लेकर बरती जा रही असमानता है। संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है कि एक तरफ कुछ धनी देश अपने देश की पूरी जनसंख्‍या को वैक्‍सीन देने की कोशिश में लगे हैं तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी देश हैं जहां तक अब तक वैक्‍सीन रहीं पहुंचाई जा सकी। ऐसे में इस खाई को यदि अभी नहीं भरा गया तो बाद में इसको पाटना काफी मुश्किल हो जाएगा।

डॉक्‍टर टैड्रॉस के मुताबिक संगठन की कोवैक्‍स के तहत जिन देशों को वैक्‍सीन उपलब्‍ध करवाई जा रही है और धनी देशों में जहां वैक्‍सीन खरीदी जा रही है में जबरदस्‍त असमानता है। उन्‍होंने इस बात पर भी अपनी नाराजगी और चिंता जाहिर की है कि मौजूदा समय में वैक्‍सीन के उत्‍पादन को बढ़ाने के साधन मौजूद होने के बाद भी इस तरफ कम प्रयास किए जा रहे हैं। उनके मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन हर वक्‍त इसका समाधान निकालने की तरफ काम करने में लगा है। वैक्‍सीन का असमान वितरण मानवजाति के प्रति अपराध है।

उनका कहना है कि जब तक दुनिया के किसी भी कोने में वायरस की मौजूदगी रहेगी तब तक लोग इसकी चपेट में आते रहेंगे और मौतों का सिलसिला भी नहीं रुकेगा। तब तक पूरी दुनिया में यात्राओं पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा जो वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचाता रहेगा। ऐसे में आर्थिक पुनर्बहाली भी नहीं को सकेगी।

डब्‍ल्‍यूएचओ प्रमुख का कहना है कि मौजूदा समय में जहां ये जानकारी रखना बेहद जरूरी है कि वायरस कहां और किस रूप में विकसित हो रहा है वहीं ये भी जरूरी है कि इसको रोकने के लिए सभी देश मिलजुलकर एकजुटता दिखाकर काम करें। इसके लिए जरूरी है कि वैक्‍सीनेशन तय समय पर सब जगह शुरू हो। उन्‍होंने पूरी दुनिया से कहा है कि ऐसे देश जो वैक्‍सीन को दूसरे देशों को उपलब्‍ध नहीं करवा रहे हैं संगठन उनसे ऐसा न करने और वैक्‍सीन को दूसरे देशों में उपलब्‍ध कराने की अपील करता है।  

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