इंदौर से शुरू हुए ShopKirana Startup company ने चार साल में ली 225 गुना बढ़त
इस स्टार्टअप की सफलता को देखते हुए अमेरिका की बैटर कैपिटल जापान की इन्क्यूबेट फंड और नौकरी डॉट कॉम ने 14 करोड़ की फंडिंग की है।
गजेंद्र विश्वकर्मा, इंदौर। इंदौर से संचालित होने वाला शॉप किराना स्टार्टअप धूम मचा रहा है। इसकी शुरुआत तीन दोस्तों दीपक धनोतिया, तनुतेजस सारस्वत और सुमित घोरावत ने 2015 में की थी। पहले ही साल में स्टार्टअप का टर्नओवर करीब दो करोड़ रुपये था। इस स्टार्टअप की सफलता को देखते हुए अमेरिका की बैटर कैपिटल, जापान की इन्क्यूबेट फंड और नौकरी डॉट कॉम ने 14 करोड़ की फंडिंग की है। इसके अलावा अन्य कंपनियों से स्टार्टअप को करोड़ों रुपये की फंडिंग के ऑफर हैं।
इंदौर के बाद जयपुर, सूरत, वडोदरा और अन्य शहरों में भी शॉप किराना की शुरुआत हो चुकी है। इनका दावा है कि 2019 में शॉप किराना का टर्नओवर करीब 450 करोड़ के आसपास है। इस हिसाब से स्टार्टअप चार साल में 225 गुना बढ़त ले चुका है। स्टार्टअप को कुछ ही महीने पहले फोब्र्स इंडिया मैग्जीन ने सर्वे के जरिये टॉप बेबीकॉर्न कंपनियों में शामिल किया। देश की 500 कंपनियों के बीच इस स्टार्टअप ने पहला स्थान बनाया था। फोब्र्स इंडिया के कवर पेज पर स्टार्टअप जगह बना चुका है।
90 शहरों में जगह बनाएंगे शॉप किराना के फाउंडर
तनुतेजस सारस्वत का कहना है कि इस समय आठ शहरों में किराना का सामान सेल कर रहे हैं। इंदौर हमारा मुख्यालय है और यहां अन्य सभी ब्रांड के मुकाबले सबसे ज्यादा सामान हम सेल कर रहे हैं। इनका कहना है कि अगले साल देश के 90 शहरों में जाएंगे। वर्क कल्चर को लेकर उनका कहना है कि हम कर्मचारियों को परिवार जैसा माहौल देते हैं। उनकी परेशानियों को हम अपनी व्यक्तिगत परेशानी मानते हैं। ऑफिस में हर दूसरे दिन छोटे-छोटे अचीवमेंट पर केक काटे जाते हैं। कर्मचारी खुद अपने टारगेट फिक्स करते हैं और जिस तरह के माहौल में उन्हें काम करना पसंद होता है, वैसा करने की छूट देते हैं। तनुतेजस का कहना है कि हमारे पास अब कुल 700 कर्मचारी हैं। इसमें कई बड़े शहरों के अनुभवी लोगों को भी जोड़ा गया है।
किसान किराना भी आठ शहरों में शुरू
शॉप किराना स्टार्टअप के तहत जनवरी 2019 में किसान किराना की भी शुरुआत की गई है। इंदौर के बाद इसे भी देश के आठ शहरों में शुरू किया जा चुका है। फाउंडर का कहना है कि पहले हम दूसरे ब्रांड से अनाज, मसाले और अन्य सामग्री खरीदते थे, लेकिन अब किसानों को जोड़ा गया है। किसान किराना में कुछ ही महीने में हमने एक करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया है।