पीड़िता के घर जाकर राखी बंधवाने की शर्त पर इंदौर हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत
आरोपित तीन अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सुबह 11 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर पीड़िता के घर राखी और मिठाई लेकर जाएगा और पीड़िता से राखी बंधवाएगा।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने छेड़छाड़ के आरोपित को अनूठी शर्तो पर जमानत दी है। कोर्ट ने कहा है कि आरोपित रक्षाबंधन के दिन पीड़िता के घर मिठाई लेकर जाए और उसे रक्षा का वचन देते हुए उससे राखी बंधवाए। मामला उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील के ग्राम सांदला का है। यहीं रहने वाले विक्रम पुत्र भेरूलाल बागरी पर आरोप है कि वह 20 अप्रैल 2020 की रात करीब ढाई बजे एक महिला के घर में घुसा और उससे छेड़छाड़ की। भाटपचलाना थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर दो जून को उसे गिरफ्तार कर लिया था।
लॉकडाउन में उधार दिए रुपये जब वापस मांगे तो छेड़छाड़ के आरोप में फंसा दिया
दो महीने से आरोपित जेल में था। उसने हाई कोर्ट में यह कहते हुए जमानत याचिका प्रस्तुत की कि आरोप लगाने वाली महिला के पति को उसने लॉकडाउन में कुछ रुपये उधार दिए थे। जब उसने रुपये वापस मांगे तो उसे छेड़छाड़ के आरोप में फंसा दिया गया।
अनूठी शर्त के साथ छेड़छाड़ के आरोपित को दी जमानत
सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद जस्टिस रोहित आर्या की बेंच ने आरोपित को 50 हजार रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए। साथ ही अन्य शर्ते रखीं कि आरोपित तीन अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सुबह 11 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर पीड़िता के घर राखी और मिठाई लेकर जाएगा और पीड़िता से राखी बंधवाएगा। आरोपित पीड़िता को उसकी रक्षा का वचन देकर परंपरा अनुसार राखी की भेंट स्वरूप उसे 11 हजार रुपये भी देगा। साथ ही पीड़िता के बेटे को भी मिठाई और कपड़े के लिए पांच हजार रुपये देने होंगे।
कोर्ट में पेश करने होंगे फोटोग्राफ, नहीं तो निरस्त हो जाएगी जमानत
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि आरोपित को पीड़िता से राखी बंधवाते हुए फोटोग्राफ और उसे भेंट स्वरूप दिए गए 11 हजार रुपये व उसके बेटे को दिए पांच हजार रुपये की रसीद रजिस्ट्री के माध्यम से न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर जमानत निरस्त हो जाएगी। आरोपित इस बात की भी अंडरटेकिंग दे कि वह कोविड-19 को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों और सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियम का पालन करेगा, आरोग्य सेतु एप अपने मोबाइल में इंस्टाल करेगा और न्यायालय की अनुमति के बगैर क्षेत्र से बाहर नहीं जाएगा।