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जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल के सहारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईजैक कर लिया हवाई जहाज

इंदिरा गांधी को साल 1978 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार के दौरान गिरफ्तार किया गया था। 26 दिसंबर ही वो दिन था, जब उन्हें रिहा किया गया। इस दिन के लिए विमान तक हाईजैक हुआ था।

By Digpal SinghEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 10:34 AM (IST)
जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल के सहारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईजैक कर लिया हवाई जहाज
जब टॉय गन और क्रिकेट बॉल के सहारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईजैक कर लिया हवाई जहाज

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। बात साल 1978 की है। देश से आपातकाल और इंदिरा गांधी का राज खत्म हो चुका था। अब आजाद भारत में पहली बार एक गैर कांग्रेसी सरकार थी। पूर्व में कांग्रेस नेता रह चुके मोरारजी देसाई के हाथों में देश की बागडोर थी। इंदिरा गांधी के खिलाफ देश का गुस्सा जनता उन्हें सत्ता से बेदखल करके जता चुकी थी। लेकिन आपातकाल के दौरान जेल गए नेता भी इंदिरा को सबक सिखाना चाहते थे। उन्हें एक मौका मिला और इंदिरा गांधी को जेल भेज दिया गया। लेकिन कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं ने इंदिरा को जेल से छुड़ाने के लिए विमान हाईजैक करके सनसनी फैला दी।

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126 यात्रियों की जान पड़ी खतरे में
20 दिसंबर का दिन था। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट संख्या 410 कोलकाता से लखनऊ होते हुए दिल्ली आ रही थी। शाम करब 5.45 बजे विमान ने लखनऊ से उड़ान भरी। इंदिरा गांधी के शासन में मंत्री रह चुके ए.के. सेन और धरम बीर सिंघा सहित इस बोईंग 737 विमान में कुल 126 यात्री सवार थे। अभी विमान दिल्ली के आसमान में था और सिर्फ 15 मिनट के अंदर वह दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड होने वाला था। लैंडिंग से पहले के ये 15 मिनट खासे महत्वपूर्ण होते हैं। इस विमान के मामले में तो और भी ज्यादा, क्योंकि विमान हाईजैक का यह पूरा मामला इसी 15 मिनट के दौरान हुआ।

हाईजैक की कहानी
इससे पहले कि विमान पालम एयरपोर्ट पर लैंड होता, दो युवक अपनी सीट से उठे और सीधे कॉकपिट की ओर बढ़ गए। इन युवकों का नाम भोला नाथ पांडेय और देवेंद्र नाथ पांडेय था। यह दोनों युवक एयर होस्टेसों को चकमा देते हुए कॉकपिट में घुस गए। इसके बाद इन्होंने पायलट से अपने मन मुताबिक काम करने को कहा। इसके बाद पायलट ने घोषणा की...

'हमारे विमान का अपहरण हो गया है और हम पटना की ओर जा रहे हैं।' कुछ ही सेकेंड बाद एक और घोषणा हुई, जिसमें कहा गया कि अब हम पटना की बजाय वाराणसी जाएंगे।

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यह दोनों युवक यूथ कांग्रेस से जुड़े हुए थे। विमान हाईजैक करने के पिछे इनका एकमात्र मकसद यह था कि कांग्रेस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को तुरंत जेल से छोड़ दिया जाए। वे दोनों चाहते थे कि इंदिरा गांधी को तुरंत छोड़ दिया जाए और उनके बेटे संजय गांधी के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं उन्हें भी हटा लिया जाए।

वाराणसी में लैंड हुआ विमान
कुछ देर बाद विमान वाराणसी में लैंड हुआ। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने सीधे अपहरणकर्ताओं से संपर्क साधा। दोनों अपहरणकर्ताओं देवेंद्र नाथ पांडेय और बोला नाथ पांडेय ने बिना किसी शर्त के इंदिरा गांधी की रिहाई की मांग की। हालांकि कुछ ही समय बाद भोला नाथ पांडेय के पिता वाराणसी एयरपोर्ट पहुंच गए। उन्होंने दोनों से फोन पर बात की और दोनों अपहरणकर्ताओं को विमान से बाहर निकलने पर राजी कर लिया। इस तरह से यह हाईजैक कांड खत्म हुआ।

टॉय गन और क्रिकेट बॉल से हुआ हाईजैक
बाद में खुलासा हुआ कि एयर इंडिया के विमान का हाईजैक नकली हथियारों से हुआ था। विमान हाईजैक करने वाले भोला नाथ पांडेय के पाश एक टॉय गन थी और दूसरे युवक देवेंद्र नाथ पांडेय ने क्रिकेट बॉल को बम बताकर इस हाईजैक में शामिल था।

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अपहरणकर्ताओं को कांग्रेस से मिला इनाम
अपनी नेता को छुड़ाने के लिए विमान हाईजैक जैसा दु:साहस करने वाले इन कार्यकर्ताओं को बाद में पार्टी ने इनाम भी दिया। दोनों को कांग्रेस ने अपनी टिकट पर चुनाव लड़वाया। देवेंद्र नाथ पांडेय को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव का पद दिया गया। बलिया के रहने वाले भोला नाथ पांडेय को युथ कांग्रेस में महासचिव और कांग्रेस पार्टी में सचिव बनाया गया।


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