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स्वदेशी सेटटॉप बॉक्स करेंगे आयातित एसटीबी से मुकाबला

दूरदर्शन अपनी डीटीएच सेवा के लिए 5 करोड़ स्वदेशी एसटीबी खरीदेगा।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 11:16 AM (IST)
स्वदेशी सेटटॉप बॉक्स करेंगे आयातित एसटीबी से मुकाबला
स्वदेशी सेटटॉप बॉक्स करेंगे आयातित एसटीबी से मुकाबला

नितिन प्रधान, नई दिल्ली। ब्रॉडकास्टिंग के डिजिटलाइजेशन के साथ साथ सरकार डिजिटल सेटटॉप बॉक्स के स्वदेशीकरण की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार देश में एसटीबी निर्माण को बढ़ावा देकर इनके आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए दूरदर्शन ने देश में बने पांच करोड़ इंडियन कंडीशनल एक्सेस सिस्टम लाइसेंस पर आधारित सेटटॉप बॉक्स खरीदने के लिए ऑर्डर दिया है।

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घरेलू स्तर पर सेटटॉप बॉक्स के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने जनवरी 2017 में एक संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज स्कीम को मंजूरी दी थी। इसके तहत देश में ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना है जिससे इनके आयात की जरूरत को खत्म किया जा सके। इसी प्रक्रिया में बाइ डिजाइन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वित्तीय सहायता से आइसीएएस तकनीक पर आधारित सेटटॉप बॉक्स का निर्माण शुरू किया है।

घरेलू आइसीएएस का लाइसेंस विदेशी कंडीशनल एक्सेस सिस्टम के मुकाबले बेहद सस्ता पड़ता है। जिस सीएएस लाइसेंस के लिए सेटटॉप बॉक्स निर्माताओं को एक लाइसेंस के लिए तीन सौ रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ता है वहीं स्वदेशी आइसीएएस तकनीक का एक लाइसेंस 35 रुपये से भी कम कीमत पर मिल जाता है। एक लाइसेंस की अवधि तीन वर्ष होती है।

देश में स्वदेशी कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (आइसीएएस) को प्रोत्साहन देने के लिए दूरदर्शन आगे आया है और उसने ऐसे पांच करोड़ लाइसेंस खरीदने का ऑर्डर कंपनी को दिया है। इसके अलावा देश में 104 केबल ऑपरेटर पहले से ही आठ लाख आइसीएएस लाइसेंस वाले सेटटॉप बॉक्स घरों में लगा चुके हैं। ब्रॉडकॉस्ट सेक्टर के डिजिटलाइजेशन के लिए देश में करीब सात करोड़ सेटटॉप बॉक्स की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है।

स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक तकनीक और उत्पादों को प्रोत्साहित करने की सरकार की स्कीम के तहत अब तक 97 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें से 57 ने व्यावसायिक उत्पादन शुरू भी कर दिया है। जून 2017 तक इन परियोजनाओं पर 2854 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। सरकार चार परियोजनाओं के लिए 41 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी भी कर चुकी है। 315 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करने के 29 प्रस्तावों पर विचार चल रहा है।

कैबिनेट के फैसले के तहत मॉडीफाइड स्पेशल इनसेंटिव पैकेज स्कीम (एमसिप्स) में सब्सिडी की राशि के 10 हजार करोड़ रुपये को पार कर जाने के बाद नीति आयोग को इसकी समीक्षा करके बताना होगा कि इसे जारी रखा जाए या नहीं। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से स्कीम के अंतर्गत परियोजनाओं के लिए आवेदन आ रहे हैं उससे सब्सिडी की यह सीमा जल्द पार हो जाने की उम्मीद है। इसलिए नीति आयोग को इसकी समीक्षा करने का आग्रह अभी से कर दिया गया है।

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