हैदराबाद में देश का पहला मीडिएशन सेंटर शुरू, सुलझाए जा सकेंगे सरकारी और कानूनी विवाद
अभी तक भारत समेत सभी क्षेत्रीय देशों और आमजनों के उलझे हुए कानूनी मामले सिंगापुर और ब्रिटेन के मध्यस्थता केंद्रों में सुलझाए जाते थे लेकिन हैदराबाद के इस मीडिएशन सेंटर के शुरू हो जाने से अब मध्यस्थता की प्रक्रिया यहीं पर चलाई जा सकेगी।
हैदराबाद, आइएएनएस। देश के पहले इंटरनेशनल एंड मीडिएशन सेंटर (आइएएमसी) का शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। 25 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में बने इस अस्थायी सेंटर में वार्ता और मध्यस्थता के जरिये कानूनी मामले निपटाए जाएंगे।
अभी तक भारत समेत सभी क्षेत्रीय देशों और आमजनों के उलझे हुए कानूनी मामले सिंगापुर और ब्रिटेन के मध्यस्थता केंद्रों में सुलझाए जाते थे लेकिन हैदराबाद के इस मीडिएशन सेंटर के शुरू हो जाने से अब मध्यस्थता की प्रक्रिया यहीं पर चलाई जा सकेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव ने इस प्रतिष्ठित संस्था की स्थापना के लिए हैदराबाद को चुने जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का आभार जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हैदराबाद में सेंटर के लिए जल्द ही भूमि आवंटित किए जाने की घोषणा की। उस भूमि पर मीडिएशन सेंटर का भवन बनाया जाएगा।
जस्टिस रमना ने कहा, उन्हें पूरा विश्वास है कि यह केंद्र मध्यस्थता कर विवादों को सुलझाने के मामले में भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक कायम करेगा। कहा, केंद्र की स्थापना का कार्य बहुत कम समय में हुआ है और यह किसी करिश्मे से कम नहीं है। इस सिलसिले में उनकी मुख्यमंत्री राव से 12 जून को पहली बार बात हुई थी और उसके बाद कोरोना संक्रमण के बावजूद सारा कार्य पूरा कर 18 दिसंबर को सेंटर का उद्घाटन हो गया।
India's first International Arbitration and Mediation Centre (IAMC) was jointly inaugurated by Chief Justice of India, #NVRamana, and #Telangana Chief Minister, K. Chandrasekhar Rao in #Hyderabad.@TelanganaCMO pic.twitter.com/9czotOKpDk
— IANS Tweets (@ians_india) December 18, 2021
उद्घाटन समारोह में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस आरवी रवींद्रन ने भाग लिया। इनके अतिरिक्त तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने भी समारोह में शिरकत की।