कोविशील्ड की खुराक लेने वालों को यूरोपीय संघ की यात्रा करने में हो रही परेशानी जल्द होगी दूर- अदर पूनावाला
सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि वो उन लोगों की परेशानी को सरकार के सम्मुख रखेंगे जिनको कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक लेने के चलते यूरोपीय संघ की यात्रा करने में दिक्कत आ रही है।
नई दिल्ली (एएनआई)। दुनिया में सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदर पूनावाला ने कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक लेनेवाले लोगों को यूरोपीय संघ की यात्रा संबंधित परेशानियों को हल करने का भरोसा दिया है। एएनआई से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात को महसूस किया है कि जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक ली है उन्हें यूरोप की यात्रा करने में परेशानी आ रही है। उन्होंने ऐसे लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि वो इस मामले को सरकार में सर्वोच्च स्तर तक लेकर जाएंगे। उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई है कि ये मामला जल्द ही रेगुलेटर्स और डिप्लोमेटिक लेवल पर विभिन्न देशों के साथ सुलझा लिया जाएगा।
आपको बता दें कि भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में बनी वैक्सीन को दुनिया के करीब 95 देशों में बतौर ग्रांट और कमर्शियल, दोनों ही तौर पर दिया गया है। इनमें एशिया और अफ्रीकी देशों के अलावा ब्रिटेन, यूक्रेन, ब्राजील भी शामिल है। भारत में अब तक कोविशील्ड के अलावा कोवैक्सीन और स्पूतनिक को लगाने की इजाजत सरकार की तरफ से मिल चुकी है। कोविशील्ड की ही बात करें तो 1 जनवरी 2021 को इसे ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की तरफ से इमरजेंसी दवा के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई थी।
भारत में बनी दोनों ही वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इन्हें विश्व में मौजूद अन्य वैक्सीन की तुलना में सुरक्षित बनाकर रखना काफी सरल है। इन्हें घरों में मौजूद फ्रिज में आसानी से स्टोर किया जा सकता है। इसी तरह से रूस की वैक्सीन स्पूतनिक को भी आसानी से सुरक्षित किया जासकता है। इस वैक्सीन को ऑक्सफॉर्ड और एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित किया गया है। भारत में चल रहे टीकाकरण में अधिकतर जगहों पर इसी वैक्सीन को दिया जा रहा है। हाल ही में आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैरिएंट ऑफ कंसर्न लिस्ट में शामिल एल्फा, बीटा गामा और डेल्टा वैरिएंट पर देश में बनी कोवैक्सीन और कोविशील्ड पूरी तरह से कारगर हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया जून में वैक्सीन की 10 करोड़ डोज उपलब्ध कराने में सफल रहा है। भारत समेत पूरी दुनिया के लिए ही ये राहत की बात है।