भारतीय वैज्ञानिकों को गाजर से लेजर लाइट पैदा करने में मिली सफलता
अब तक आप गाजर के खाने से होने वाले फायदों के बारे में ही जानते होंगे। आइआइटी मद्रास के वैज्ञानिकों को गाजर से लेजर लाइट पैदा करने में सफलता मिली है।
चेन्नई, प्रेट्र। अब तक आप गाजर के खाने से होने वाले फायदों के बारे में ही जानते होंगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने इसके एक और फायदे के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आइआइटी मद्रास के वैज्ञानिकों को गाजर से लेजर लाइट पैदा करने में सफलता मिली है।
आइआइटी मद्रास ने एक रिलीज में बताया है कि फीजिक्स विभाग के प्रोफेसर सी विजयन और सहायक प्रोफेसर शिवराम कृष्णन और पीएचडी स्कॉलर वेंकट शिव गुमालूरी की रिसर्च टीम ने यह कारनामा कर दिखाया है। रिसर्च टीम ने अपने प्रयोग में पाया है कि बायोकंपेटिबल लेजर पैदा करने के लिए गाजर एक प्रभावी माध्यम हो सकता है। इस प्रयोग में प्रोसेस्ड गाजर पर ब्लू लेजर डाला गया तो प्रकाश कई रंगों में बंट गया।
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ग्रीन मैटेरियल्स के इस्तेमाल से फोटोनिक तकनीकी विकसित करने की दिशा में पहला और छोटा कदम है। उन्होंने कहा कि अभी तक बायोलॉजिकल मटीरियल्स का इस्तेमाल कर किसी ने भी लेजर लाइट पैदा नहीं की है।
दरअसल, यह भौतिकी के रमन प्रभाव से मिलती-जुलती घटना है। नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक सीवी रमन ने साल 1922 में बताया था कि जब प्रकाश किसी माध्यम से गुजरता है तो उसमें मौजूद सभी रंगों की वेवलेंथ बदल जाती है। इसे रमन प्रभाव के रूप में जाता है। इसी के लिए सीवी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
यह ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोस्कोपी और सेंसिंग पर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान में महत्तवपूर्ण प्रगति की उम्मीद जगाता है। यह प्रणाली पूरी तरह से प्राकृतिक और जैव अनुकूल है जिसे दूसरी जैव-तकनीकों और प्रक्रियाओं के साथ उपयोग किया जा सकता है।
मजबूत और अत्यधिक भरोसेमंद इस किचन लेजर को तापमान सेंसिंग के लिए उपयोग में लाया जा सकता है क्योंकि यह तापमान के खिलाफ अच्छा और एक समान रिस्पांस करती है। गाजर में कैरोटीनॉयड के अलावा सेल्युलोज फाइबर भी होता है जो फोटोन को फैलाने में मदद करता है। इसके चलते रमन रैंडम लेजिंग का ऑप्टिकल एम्प्लीफिकेशन होता है।
विजयन ने कहा कि अब फोटोनिक्स के साथ साथ विभिन्न ऐप्लिकेशंस के लिए हरित और सतत सामग्री के विकास की ओर कदम बढ़ रहे हैं। वर्तमान माहौल में हरित फोटोनिक तकनीक की बहुत आवश्यकता है जहां आसानी से नष्ट होने वाले, सतत और जैव-अनुकूल प्रक्रियाओं की महत्ता है। लेजर में एक दिशा और तेजी होती है तथा यह संचार, लिथोग्राफी, चिकित्सा, सैन्य संचालन, वैज्ञानिक अनुसंधान, इंजीनियरिंग, डिस्प्ले और डेटा स्टोरेज जैसे विभिन्न उत्पादों और तकनीक के लिए अनिवार्य है।