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Indian Railways: भारतीय रेलवे के निजीकरण पर रेल मंत्री का बड़ा बयान, जानें- क्या कहा

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को साफ किया कि भारतीय रेलवे का निजीकरण कभी नहीं होगा। रेल भारत सरकार के पास ही रहेगी। यात्रियों को अच्छी सुविधाएं और रेलवे के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 09:33 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:07 AM (IST)
Indian Railways: भारतीय रेलवे के निजीकरण पर रेल मंत्री का बड़ा बयान, जानें- क्या कहा
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- रेलवे स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के निजीकरण को लेकर संसद में उठे सवालों पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को साफ किया कि भारतीय रेलवे का निजीकरण कभी नहीं होगा। रेलवे हर भारतीय की संपत्ति है और उसी की रहेगी। रेल भारत सरकार के पास ही रहेगी। यात्रियों को अच्छी सुविधाएं और रेलवे के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा। देश तभी उच्च वृद्धि की दिशा में प्रगति और रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है जब सरकारी व निजी क्षेत्र मिलकर काम करेंगे। रेल मंत्री लोकसभा में रेलवे की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे।

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पीयूष गोयल ने कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, कई सांसद निजीकरण और कारपोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं। मैं सभी सांसदों को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय रेल प्राइवेटाइज नहीं होगी और भारत सरकार की ही रहेगी।' उन्होंने भविष्य की योजना का संकल्प लेते हुए कहा कि आने वाले दिनों में रेलवे पूरी तरह रिन्यूएबल एनर्जी पर निर्भर होगी। वर्ष 2023 तक रेलवे का शत प्रतिशत विद्युतीकरण कर दिया जाएगा। जबकि ज्यादा से ज्यादा स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना दिया जाएगा।

केरल में नहीं हो पाता कोई काम

गोयल ने कहा कि कोविड महामारी से पहले मालगाड़ी की औसत रफ्तार 22-23 या अधिकतम 24 किमी प्रति घंटे होती थी। कोविड के समय योजना बनाकर उस गति को दोगुना कर 45 किमी प्रति घंटे किया गया। 'कस्टमर इज ¨कग' को सामने रखकर ग्राहकों के पास जाकर औद्योगिक प्रतिष्ठानों के सामान रेलवे में ढोए जाते हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर से भविष्य में बंगाल की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। तेज गति से उद्योग आएंगे और वहां विकास होगा। केरल में 2009 से 2014 के बीच जो पैसा निवेश होता था, वो लगभग ढाई गुना कर दिया गया है, लेकिन केरल में काम नही हो पाता क्योंकि जमीन उपलब्ध नहीं कराई जाती।

वंदे भारत से जुड़ेगा देश का कोना-कोना

सवालों के जवाब में गोयल ने कहा कि वर्ष 2023 के मार्च तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे एक कड़ी में जुड़ जाएगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 35 विस्टा डोम चलाए जा रहे हैं जिन्हें बढ़ाकर 100 किया जाएगा। आने वाले दिनों में वंदे भारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनों से देश का कोना-कोना जुड़ जाएगा। यह सब आत्मनिर्भर भारत के बूते किया जाएगा। रेलवे में सिग्नल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए घरेलू प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाएगा।

दिल्ली-बनारस बुलेट ट्रेन के लिए उत्तर प्रदेश हरसंभव मदद को तैयार

बुलेट ट्रेन पर प्रतिक्रिया देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि पहली बुलेट ट्रेन ही महाराष्ट्र के असहयोग के चलते फंस गई है। जबकि गुजरात में 95 फीसद हिस्से में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। महाराष्ट्र में मात्र 24 फीसद जमीन मिल सकी है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दिल्ली से बनारस के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए हर संभव मदद देने को तैयार हैं। रेल मंत्री ने कहा रेलवे देश के विकास का इंजन बनेगा।

दो साल में रेल दुर्घटना में नहीं हुई किसी यात्री की मौत

चर्चा के दौरान राजनीतिक हमलों के जवाब में रेल मंत्री गोयल ने विपक्षी दलों को आईना दिखाया। उन्होंने राज्यवार रेलवे के निवेश और तैयारियों के आंकड़ें और तथ्य पेश करते हुए जबाव दिया। खासतौर से बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में रेल बजट आवंटन का ब्योरा देते हुए गोयल ने जमकर हमला बोला। रेलवे के संचालन की प्रशंसा करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान रेल दुर्घटना में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है और रेलवे यात्रियों की सुरक्षा पर काफी ध्यान दे रही है।

मोदी सरकार ने बढ़ाया रेलवे में निवेश

गोयल ने बताया कि मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1.5 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2021-22 में रेलवे में निवेश बढ़ाकर 2.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। बाद में लोकसभा ने 20-21 के लिए रेलवे की अनुदान मांगों को पारित कर दिया।


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