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Indian Railways: रेलवे ने निकाला कमाई का नया फार्मुला, मालगाड़ी के कचरे से होगी करोड़ों की कमाई

पश्चिम-मध्य रेल जोन में आने वाले कटनी जंक्शन और उसके आसपास के स्टेशनों के यार्ड में मालगाड़ि‍यों की साफ-सफाई करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। इनमें हर दिन दर्जनों की संख्या में कोयला सीमेंट सहित अन्य माल खाली कर ट्रेनें पहुंचती हैं। इनके वैगनों की साफ-सफाई करवाई जाती है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 08:15 PM (IST)
Indian Railways: रेलवे ने निकाला कमाई का नया फार्मुला, मालगाड़ी के कचरे से होगी करोड़ों की कमाई
मालगाड़ि‍यों के वैगन में बच जाने वाली चीजें या कचरा अब रेलवे की आय का जरिया बनेगा

 अंजुल मिश्रा, जबलपुर। मालगाड़ि‍यों के वैगन में बच जाने वाली चीजें या कचरा अब रेलवे की आय का जरिया बनेगा। अभी तक रेलवे अपने खर्च से इनकी सफाई करवाता था लेकिन अब उसे हर वैगन के कचरे के बदले 50 रुपया मिलेगा और सफाई मुफ्त में होगी। इसके लिए पश्चिम-मध्य रेलवे ने एक निजी कंपनी से अनुबंध कर लिया है। कटनी और उसके आसपास के यार्ड में आने वाली मालगाड़ि‍यों की संख्या के आधार पर अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि इस काम से रेलवे को एक करोड़ 18 लाख रुपये सालाना तक की आय हो सकती है।

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निजी कंपनी से हुआ अनुबंध, हर वैगन की सफाई भी करेगी और देगी 50 रुपये

पश्चिम-मध्य रेल जोन में आने वाले कटनी जंक्शन और उसके आसपास के स्टेशनों के यार्ड में मालगाड़ि‍यों की साफ-सफाई करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। इनमें हर दिन दर्जनों की संख्या में कोयला, सीमेंट सहित अन्य माल खाली कर ट्रेनें पहुंचती हैं। इनके वैगनों की साफ-सफाई करवाई जाती है। अभी तक रेलवे जिन ठेकेदारों को यह जिम्मा देता था, उनके मजदूर मालगाड़ी के वैगन खाली कर उससे निकलने वाले कचरे को अमूमन ट्रैक के आसपास ही गिरा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

रेलवे ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर सफाई का ठेका देने निजी कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए थे। टेंडरों के परीक्षण के बाद रेलवे ने साफ-सफाई का जिम्मा एक निजी कंपनी को सौंपने का अनुबंध कर लिया है। इस कंपनी के कर्मचारी हर वैगन को साफ करने के बाद उसका कचरा अपने साथ ले जाएंगे। रेलवे को एक वैगन के कचरे के एवज में मुफ्त सफाई और 50 रुपये दिए जाएंगे। जबलपुर रेल मंडल के वाणिज्य विभाग के डीसीएम देवेश सोनी के मुताबिक भारतीय रेल के इतिहास में यह पहला मौका है जब रेलवे वैगन से निकलने वाले कचरे से कमाई करेगा।

निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे 

रेलवे द्वारा निजी कंपनी से यह अनुबंध करने के बाद न सिर्फ वैगनों की साफ-सफाई सुनिश्चित होगी बल्कि पटरियों पर मलबा डालने और सफाई के बाद दरवाजे बंद करने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। इस काम की पूरी निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। कैमरे भी निजी कंपनी को अपने खर्च से लगाने होंगे।

कटनी यार्ड में ही होती है सफाई व मरम्मत

कटनी जंक्शन से रवाना होने वाली मालगाड़ी देश में कहीं भी जाएं लौटकर इनकी साफ-सफाई और मरम्मत का काम कटनी यार्ड में ही होता है। कटनी जंक्शन से मालगाड़ि‍यां खासतौर से सीमेंट, कोयला और अनाज लेकर जाती हैं। सीमेंट सतना जिले के मैहर से और कोयला सिंगरौली, अनूपपुर तथा शहडोल के आसपास से भरा जाता है। खाली होने के बाद भी थोड़ा बहुत कोयला और झड़ी हुई सीमेंट वैगन में पड़ी रहती है। इनकी सफाई पर रेलवे को रुपये खर्च करना पड़ते थे और यार्ड व ट्रैक के आसपास यह कचरा भी एकत्र होता था। अब इससे मुक्ति मिलेगी।


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