Move to Jagran APP

Indian Railways Update news: रेलवे और हवाई यात्रा पर राज्यों ने फंसाया पेंच, ऐसे समझें हालात

अलग-अलग राज्य थर्मल स्क्रीनिंग के बाद यात्रियों के घर जाने की छूट से लेकर होम क्वारंटाइन और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन जैसे अलग-अलग मापदंड अपना रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 08:17 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 10:57 AM (IST)
Indian Railways Update news: रेलवे और हवाई यात्रा पर राज्यों ने फंसाया पेंच, ऐसे समझें हालात
Indian Railways Update news: रेलवे और हवाई यात्रा पर राज्यों ने फंसाया पेंच, ऐसे समझें हालात

 नीलू रंजन, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की केंद्र सरकार की कोशिश और कोरोना के बढ़ते मरीजों से निपटने की राज्य सरकारों की चुनौती ने आम लोगों को दुविधाजनक स्थिति में ला खड़ा किया है। अलग-अलग राज्य रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद यात्रियों के घर जाने की छूट से लेकर होम क्वारंटाइन और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन जैसे अलग-अलग मापदंड अपना रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए साफ कर दिया है कि स्वस्थ लोगों को आने-जाने से रोकने का कोई तुक नहीं है, लेकिन कई राज्य सरकारें इसे मानने को तैयार नहीं हैं।

loksabha election banner

केंद्र सरकार ने जब सोमवार से हवाई और एक जून से रेल सेवाओं की सीमित बहाली की घोषणा की, तो लोगों में अपनों से मिलने और काम-काज के लिए एक से दूसरी जगह जाने की उम्मीद जगी थी। रेलवे और विमानन कंपनियों ने अपनी बुकिंग भी शुरू कर दी और लोगों ने टिकट भी कटा लिया। कोरोना का प्रसार रोकने के लिए केंद्र ने एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य बनाते हुए केवल उन्हीं यात्रियों को जाने देने की गाइडलाइन जारी की, जिन्हें बुखार या कोरोना का कोई अन्य लक्षण नहीं हो। इसमें आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल की सलाह भी शामिल है।

स्पष्ट तौर पर केंद्र सरकार की कोशिश दो महीने से बंद अर्थव्यवस्था के पहिये को फिर से घुमाने और जनजीवन को सामान्य बनाने की है, लेकिन कोरोना से जूझ रही राज्य सरकारें बिना किसी रोक-टोक के दूसरे राज्यों से लोगों को आने देने के लिए तैयार नहीं हैं। उससे भी बड़ी समस्या यह है कि इसे लेकर राज्यों में एकरूपता नहीं है। देश की राजधानी दिल्ली ने रेलवे और एयरपोर्ट की ओर से की जा रही स्क्रीनिंग पर भरोसा करते हुए यात्रियों को कहीं भी आने-जाने की पूरी छूट दी है।

वहीं, पंजाब और झारखंड ने बाहर से आने वाले सभी यात्रियों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है। इसका अर्थ है कि ऐसे लोगों को गंतव्य पर पहुंचने के बाद किसी क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा है कि राज्य में 19 मई को जारी लॉकडाउन संबंधी आदेश के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में अभी राज्य में आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त किसी हवाई सेवा की अनुमति नहीं है।

कर्नाटक में अलग-अलग व्यवस्था

कर्नाटक ने रेल से आने वाले यात्रियों के लिए 14 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की व्यवस्था की है। वहीं छह राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए सात दिन इंस्टीट्यूशनल और सात दिन होम क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। कोरोना से कम प्रभावित राज्यों से आने वाले हवाई यात्रियों को होम क्वारंटाइन रहना होगा। गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों, 80 साल से ज्यादा के बुजुर्गो और बीमार लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में नहीं रखा जाएगा। कारोबारियों को आइसीएमआर प्रमाणित लैब से मिली निगेटिव जांच रिपोर्ट के आधार पर क्वारंटाइन से छूट दी जाएगी। रिपोर्ट नहीं होने पर जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन रहना होगा। कर्नाटक ने 13 मई को राजधानी एक्सप्रेस से आए 50 यात्रियों को इसीलिए वापस दिल्ली लौटा दिया था, क्योंकि इन यात्रियों ने इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में जाने से मना कर दिया था।

राज्यों के हाथ कमान जाने से बिगड़ा सामंजस्य

रेलवे और हवाई यात्रियों को लेकर फैली दुविधा की वजह कोरोना की लड़ाई को राज्यों के भरोसे छोड़ने का केंद्र का फैसला है। लॉकडाउन-तीन तक केंद्र की ओर से बताया जाता था कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन कौन-कौन से होंगे और उनमें किन-किन गतिविधियों की इजाजत होगी। राज्यों को इनमें कोई भी ढील देने की इजाजत नहीं थी। लॉकडाउन-चार की गाइडलाइंस में केंद्र ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी। यहीं नहीं, राज्यों को कंटेनमेंट एरिया और बफर जोन के बाद आíथक गतिविधियां तय करने की भी छूट दे दी गई।

ऐसे समझें हालात

केस 1 : पवन कुमार (काल्पनिक नाम) को तीन दिन के लिए पंजाब से उत्तर प्रदेश जाना है। इस सफर के लिए उन्हें उप्र में 14 दिन होम क्वारंटाइन और वापसी पर पंजाब में 14 दिन इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में बिताना होगा। तीन दिन का सफर एक महीने में पूरा होगा।

 केस 2 : रमन कुमार (काल्पनिक नाम) को तीन दिन के लिए दिल्ली से उत्तर प्रदेश जाना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पहुंचकर उन्हें 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। वापसी में दिल्ली में कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। इस तरह तीन दिन के सफर में 14 दिन अतिरिक्त लगेगा।

केस 3 : मदन कुमार (काल्पनिक नाम) को दिल्ली से बिहार जाना है। दोनों राज्यों में रेल या हवाई सफर कर आ रहे यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की कोई शर्त नहीं है। ऐसे में उन्हें कोई अतिरिक्त समय नहीं लगाना होगा।

अहम बातें :

- सोमवार से शुरू हो रही है सीमित रूटों पर घरेलू उड़ान।

- पहली जून से 100 जोड़ी ट्रेनों का भी शुरू होगा संचालन।

- राजधानी के रूट पर भी चल रही हैं 15 जोड़ी एसी ट्रेनें।

- केंद्र सरकार बिना लक्षण वालों की आवाजाही के पक्ष में


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.