Indian Railways: यूपी में दो लाइन परियोजनाओं को मिली मंजूरी, रेलवे ने जारी किए आंकड़े
रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पिछले छह सालों में रेलवे का पूंजीगत परिव्यय तीन गुना बढ़ा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कनेक्टिंग इंडिया स्कीम के तहत रेलवे ने उत्तर प्रदेश में दो नई लाइनों समेत देश में चार नई लाइन परियोजनाओं की मंजूरी दी है। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच मौजूदा दोहरी लाइन के साथ एक तीसरी लाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा सहजनवा-दोहरीघाट को एकदम नई लाइन के जरिए रेल संपर्क से जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा अन्य दो परियोजनाओं के तहत असम में बोंगाइगांव-अगठोरी के बीच मौजूदा एकल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। जबकि महाराष्ट्र में वैभववाड़ी तथा कोल्हापुर को नई लाइन बिछाकर रेल संपर्क से जोड़ा जाएगा।
पूंजीगत परिव्यय बढ़ा
रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पिछले छह सालों में रेलवे का पूंजीगत परिव्यय तीन गुना बढ़ा है। वर्ष 2013-14 में पूंजीगत परिव्यय केवल 53,980 करोड़ रुपये था। परंतु 2020-21 के बजट में इसे बढ़ाकर 1,61,042 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
विद्युतीकरण में तेजी
यही नहीं, इन सालों में रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। वर्ष 2013-14 में जहां केवल 610 रूट किलोमीटर लाइने विद्युतीकृत हुई थीं। वहीं 2019-20 में 6000 रूट किलोमीटर लाइनों को विद्युतीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे का लक्ष्य 2023-24 तक सभी लाइनों को पूरी तरह से विद्युतीकृत किए जाने का है।
किसी यात्री की मौत नहीं
रेलवे के इतिहास में पहली बार 2019-20 में ऐसा हुआ है कि अप्रैल-दिसंबर के बीच किसी भी रेल यात्री की दुर्घटना में मौत नहीं हुई। दुर्घटनाओं तथा मौतों की संख्या को न्यूनतम करने के लिए लागू किए गए जुझारू उपायों के परिणामस्वरूप हासिल हुई। इनमें सबसे प्रमुख उपाय असुरक्षित आइसीएफ डिब्बों के बजाय सुरक्षित एलएचबी कोच का उत्पादन बढ़ाना एवं अधिकाधिक अपनाया जाना है। वर्ष 2013-14 में केवल 543 एलएचबी कोच बनाए गए थे। जबकि अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान 3,121 तथा अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान 4,484 एलएचबी कोच का उत्पादन हुआ। वर्ष 2020-21 के दौरान भी 4,079 एलएचबी कोच के उत्पादन का लक्ष्य है।
क्रासिंग हादसे खत्म करने के लिए चौकीदार रहित रेलवे क्रासिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। जबकि अब चौकीदार युक्त क्रासिंग को ओवरब्रिज या अंडरपास बनाकर खत्म करने की मुहिम भी चलाई जा रही है। अप्रैल-दिसंबर, 2019 के दौरान चौकीदार वाली 1035 क्रासिंग खत्म की गई हैं। इससे पहले 2018 में जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी तब इसी अवधि में 357 चौकीदार युक्त क्रासिंग को समाप्त किया गया था।