Move to Jagran APP

Indian Railways: बीना-इटारसी के बीच ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा करने की तैयारी, लगाया जाएगा एटीपी सिस्टम

Indian Railways बीना-इटारसी स्टेशनों के बीच तीसरी रेल लाइन (बरखेड़ा-बुदनी रेलखंड को छोड़कर) का काम पूरा हो गया है। भारतीय रेल महानगरों को जोड़ने वाले रेलमार्गो पर प्रीमियम ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर करने में जुटा हुआ है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 11:09 PM (IST)
Indian Railways: बीना-इटारसी के बीच ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा करने की तैयारी, लगाया जाएगा एटीपी सिस्टम
ट्रैक को अपग्रेड करने के साथ ही आटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल का विस्तार किया जाएगा

भोपाल, जेएनएन। रेलवे मध्य प्रदेश के बीना से इटारसी स्टेशन के बीच ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने की तैयारी कर रहा है। ये वे ट्रेनें होंगी, जिनमें जर्मन कंपनी लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक की मदद से बने कोच लगे हैं। अभी दोनों स्टेशनों के बीच एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटा है। रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए दोनों स्टेशनों के बीच आटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम लगाएगा। इसके लिए 172.5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। आटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) का विस्तार किया जाएगा। ट्रैक की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इस काम में पांच साल लगेंगे।

loksabha election banner

गौरतलब है कि बीना-इटारसी स्टेशन दिल्ली-चेन्नई रेलमार्ग पर है। दोनों स्टेशनों के बीच तीसरी रेल लाइन (बरखेड़ा-बुदनी रेलखंड को छोड़कर) का काम पूरा हो गया है। भारतीय रेल महानगरों को जोड़ने वाले रेलमार्गो पर प्रीमियम ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर करने में जुटा हुआ है। कोटा के रास्ते मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर काम भी शुरू कर दिया है। इस रफ्तार से सिर्फ एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच ही चलेंगे। इस तकनीक से बने कोच हल्के, मजबूत और दुर्घटना में कम क्षति पहुंचाने वाले होते हैं।

इन तकनीक का होगा उपयोग

एटीपी सिस्टम लगेगा : बीना से इटारसी के बीच आटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा। रेल लाइन व ट्रेन के इंजनों में विशेष डिवाइस लगाई जाएंगी। दोनों सिग्नल आधारित तकनीक पर काम करेंगी। यदि एक लाइन पर दो ट्रेनें आमने-सामने आई तो इंजनों में स्वत: ब्रेक लगेंगे। ट्रेन हादसे नहीं होंगे। यह सिस्टम पश्चिम मध्य रेलवे का पहला सिस्टम होगा।

एबीएस का विस्तार होगा : अभी इटारसी से बुदनी के बीच आटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल है। इस खंड में एक के पीछे एक चार से पांच ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। सामान्य तौर पर मंडल में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल लगे हैं, जहां एक रेलखंड में एक के पीछे एक केवल दो ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं, जिससे ट्रेनों की गति प्रभावित होती हैं।

ट्रैक पर ये काम किए जाएंगे

- स्लीपरों के नीचे गिट्टी की गहराई बढ़ाई जाएगी। अभी ट्रैक पर 300 मिलीमीटर की गहराई तक गिट्टी बिछी है। इसे बढ़ाकर 350 मिलीमीटर किया जाएगा। इससे जब ट्रैक पर ट्रेन तेज गति से चलेगी तो कंपन नहीं होगा और संतुलन बना रहेगा। ट्रेनों का संतुलन बनाए रखने के लिए ही ट्रैक के नीचे गिट्टी बिछाई जाती है।

- इंप्रूव स्विच ज्वाइंट लगाए जाएंगे, जो अधिक सर्दी के दिनों में पटरियों के सिकुड़ने पर अंतराल को भरेंगे। सर्दी के दिनों में जब पटरियां सिकुड़ती हैं तो बीच का गैप बढ़ने से वे क्रेक हो जाती हैं। इन ज्वाइंट से हादसे रुकेंगे।

- लेवल क्रासिंग को सिग्नलयुक्त किया जाएगा। इससे ट्रेन जब किसी लेवल क्रासिंग से एक स्टेशन पहले गुजर रही होगी, तभी उस क्रासिंग पर तैनात कर्मी को स्वत: सूचना मिलेगी और गेट स्वत: बंद हो जाएगा। इससे क्रासिंग पर मानवीय भूलों के कारण हादसे नहीं होंगे।

पश्चिम मध्य रेलवे के जबल जोन के मुख्य प्रवक्ता राहुल जयपुरिया ने बताया कि बीना से इटारसी के बीच रेलवे ट्रैक पर जो काम किए जा रहे हैं, वे भविष्य में ट्रेनों की गति बढ़ाने और बढ़ी हुई गति में ट्रेनों को दुर्घटना रहित चलाने की योजना का हिस्सा हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.