Move to Jagran APP

पीयूष गोयल ने रेल कर्मचारियों को लिखा भावुक पत्र, पढ़ कर आप भी करेंगे सलाम, कोरोना का भी है जिक्र

गोयल ने कहा कि 4621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 63 लाख से अधिक फंसे हुए नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। लाकडाउन के समय कई सारे प्रतिबंधों के बावजूद सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित 370 प्रमुख काम संपन्न किए गए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 08:42 PM (IST)
पीयूष गोयल ने रेल कर्मचारियों को लिखा भावुक पत्र, पढ़ कर आप भी करेंगे सलाम, कोरोना का भी है जिक्र
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल परिवार के नाम एक भावुक चिट्ठी लिखी

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना काल के जोखिम के दौरान रेलवे कर्मचारियों की कर्तव्य निष्ठा को सलाम करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल परिवार के नाम एक भावुक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने ट्रेनों की पटरी से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सबकी भूमिका को याद किया। मंत्रालय की पिछले सालभर की कठिन यात्रा के दौरान कोविड-19 की आपदा में अपनों के खोने पर दुख जताते हुए गोयल ने कहा कि हम उन्हें भुला नहीं सकते हैं। इस दौरान कर्मचारियों व अधिकारियों के धैर्य, समर्पण और संकल्प के बूते ही रेलवे ने इस महामारी पर विजय प्राप्त करने में देश को गौरवान्वित किया है।

loksabha election banner

कठिन समय में धैर्य व साहस दिखाने वाले रेल परिवार को किया सलाम

वर्ष 2020-21 की महामारी के दौरान उल्लेखनीय प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने अपने पत्र में आपदा काल को याद करते हुए कहा है कि जब पूरा विश्व ठहर गया था, तब रेलवे कर्मचारियों ने एक दिन की भी छुट्टी लिए बगैर अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। उसी का नतीजा है कि देश की अर्थव्यवस्था का पहिया चालू रखा जा सका। देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में, बिजली घरों को कोयला पहुंचाने, किसानों के लिए फर्टिलाइजर अथवा उपभोक्ताओं के लिए देश के सुदूर क्षेत्र तक खाद्यान्न आपूर्ति करने में रेलवे की भूमिका अहम रही है। 

63 लाख से अधिक फंसे हुए लोगों को पहुंचाया उनके घर

कोविड के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में देश हमेशा रेलवे के योगदान को याद रखेगा। आपकी प्रबल इच्छाशक्ति की वजह से ही हम इस संकट को एक अवसर में बदलने में कामयाब हुए। गोयल ने कहा कि 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 63 लाख से अधिक फंसे हुए नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। लाकडाउन के समय कई सारे प्रतिबंधों के बावजूद सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित 370 प्रमुख काम संपन्न किए गए। देश में पहली बार 'किसान रेल' सेवा हमारे अन्नदाताओं को बड़े बाजारों से जोड़ने की सूत्रधार बनी। रेल कर्मचारियों की सेवा से ही इसे संभव बनाया और लोगों के दिलों को छुआ। 

ट्रेनों की गति बढ़ाने, यात्री सुरक्षा समेत कई कदम उठा रहा है रेल मंत्रालय

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ट्रेनों की गति में सुधार के साथ-साथ परिचालन दक्षता के लिए कई कदम उठा रहा है। मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 44 किमी प्रति घंटे हो गई है, जबकि यात्री ट्रेनें बिल्कुल समय पर पहुंचने लगी हैं। पिछले दो वर्षों में यात्री मृत्यु दर शून्य रही। रेल परिवार को धन्यवाद देते हुए गोयल ने कहा कि अपनी इसी टीम के साथ हम लगातार रिकॉर्ड तोड़कर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। अपने प्रदर्शन से दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देंगे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.