Indian Railways: काशी-महाकाल एक्सप्रेस पहुंची इंदौर, प्लेटफॉर्म पर गूंजा 'बम-बम बोल रहा इंदौर'
21 फरवरी से यह ट्रेन इंदौर से सप्ताह में तीन दिन नियमित रूप से चलेगी। उस समय इसमें भजन मंडली तो नहीं होगी लेकिन ट्रेन में स्पीकर लगे हुए हैं।
इंदौर, जेएनएन। सोमवार सुबह 8:10 बजे मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को एक नई सौगात मिली। जब रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर देश की तीसरी कॉर्पोरेट ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस पहुंची। यह ट्रेन का 'फेम रन' था, इस वजह से इसमें यात्री तो नहीं थे लेकिन ट्रेन में अयोध्या के राजेश कुमार के साथ 10 लोगों की भजन मंडली ढोल-मंजीरों के साथ आई। यह मंडली ट्रेन में भजन गाते हुए आई। ट्रेन रकते ही झांझ-मंजीरे की आवाज के साथ प्लेटफॉर्म नंबर पांच 'बम बम बोल रहा इंदौर' से गूंज उठा। प्लेटफॉर्म पर पहले से ही रेलवे और आइआरसीटीसी के आला अफसर मौजूद थे।
21 फरवरी के बाद स्पीकर पर सुनाई देंगे गीत
21 फरवरी से यह ट्रेन इंदौर से सप्ताह में तीन दिन नियमित रूप से चलेगी। उस समय इसमें भजन मंडली तो नहीं होगी लेकिन ट्रेन में स्पीकर लगे हुए हैं। ऐसे में उज्जैन स्टेशन आने पर यात्री भोलेनाथ के भजन व पूरे सफर के दौरान मधुर गीत भी सुन सकेंगे।
मालवी पगड़ी में खाना परोसा
पहली बार आई इस ट्रेन में कैटरिंग स्टाफ ने खास ड्रेस कोड के रूप में कुर्ता-पायजामा और सिर पर मालवी पगड़ी पहन रखी थी। ट्रेन में आई भजन मंडली के सदस्यों, रेलवे अफसरों को उन्होंने खाना परोसा। रेलवे प्रबंधन के मुताबिक, ट्रेन के कैटरिंग स्टाफ का ड्रेस कोड अलग होगा, लेकिन पहली बार फेम रन में भक्तिमय माहौल के कारण उन्हें यह ड्रेस कोड दिया गया।
सिर्फ ट्रायल रन के लिए कोच में बनाया महाकाल का दरबार
सोमवार को इंदौर पहुंची इस ट्रेन के कोच नंबर बी-4 की सीट नंबर 64 पर बाबा महाकाल का दरबार मंदिर की तरह सजाया गया था। यहां भगवान भोलेनाथ का फोटो रखा हुआ था और इसे फूलों से सजाया गया। ट्रेन में महाकाल दरबार को देखकर शहर में रेलवे के अफसरों के बीच यह चर्चा चली कि इस कोच में एक सीट बाबा महाकाल के लिए रिजर्व रहेगी। हालांकि आइआरसीटीसी के पीआरओ पिनाकिन मारवाला के मुताबिक, सिर्फ ट्रायल रन के लिए ही इसमें एक सीट पर बाबा महाकाल का दरबार सजाया था।