भारतीय नौसेना ने परखी समुद्री सुरक्षा की तैयारियां, 'सी विजिल' अभ्यास का दूसरा संस्करण पूरा
भारतीय नौसेना ने दो दिनी व्यापक अभ्यास में आपात स्थितियों समेत समुद्री क्षेत्र की सभी आशंकित चुनौतियों से निपटने की अपनी तैयारियों की समीक्षा की। तटीय रक्षा अभ्यास सी विजिल का दूसरा संस्करण बुधवार शाम पूरा हो गया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय नौसेना ने दो दिनी व्यापक अभ्यास में शांति से लेकर युद्धकाल तक की आपात स्थितियों समेत समुद्री क्षेत्र की सभी आशंकित चुनौतियों से निपटने की अपनी तैयारियों की समीक्षा की। इस रक्षा अभ्यास में देश का 7,516 किलोमीटर का तटीय क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल रहा। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि अखिल भारतीय तटीय रक्षा अभ्यास 'सी विजिल' का दूसरा संस्करण बुधवार शाम पूरा हो गया।
नौसेना के मुताबिक इस अभ्यास में सभी संबंधित पक्षों ने पूरी निष्ठा से हिस्सा लिया तथा लक्ष्य हासिल किया गया। अभ्यास में पूरे तटीय सुरक्षा तंत्र और भारतीय नौसेना तथा तटरक्षक बल के जमीन पर तैनात 110 से अधिक आयुधों को शामिल किया गया। इससे यह अभी तक सबसे व्यापक अभ्यास बन गया। 'सी विजिल' अभ्यास का पहला संस्करण जनवरी 2019 में हुआ था।
नौसेना ने कहा है कि 'सी विजिल' की अवधारणा और भौगोलिक विस्तार में देश का पूरा तट और विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल था और इसमें शांति से लेकर युद्धकाल तक की आपात स्थितियों में उत्पन्न हो सकने वाली चुनौतियों की समीक्षा की गई। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने मुंबई में आतंकी हमले के बाद भारत की तटीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं।
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे। इनमें 10 देशों के 28 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। अभ्यास के दूसरे संस्करण में भारतीय नौसेना, बड़ी संख्या में मरीन पुलिस तथा कस्टम विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया। इस दौरान पूरे तटीय क्षेत्र की निगरानी के लिए नौसेना तथा तटरक्षक बल के विमानों तथा हेलीकाप्टरों को शामिल किया गया।
अभ्यास में तकनीकी निगरानी ढांचा नेशनल कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन एंड इंटेलीजेंस (एन सी 3 आइ) को भी परखा गया। गुरुग्राम स्थित इंफॉरमेशन मैनेजमेंट एंड एनालिसिस सेंटर (आइएमएसी) तथा नौसेना और तटरक्षक बल में इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच निगरानी और सूचना पहुंचाने के तंत्र में समन्वय का भी आकलन किया गया।