कराची में ऐश की जिंदगी जी रहा है आतंकवादी रियाज भटकल
हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 2013 में हुए हमले का मास्टर माइंड रियाज भटकल अब भी पाकिस्तान के कराची में अय्यासी की जिंदगी जी रहा है।
हैदराबाद, जेएनएन। हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 2013 में हुए ब्लास्ट के पांच आरोपियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष कोर्ट ने मंगलवार को दोषी ठहरा दिया। इन आरोपियों की सजा पर फैसला 19 दिसंबर को सुनाया जाएगा। लेकिन इस हमले का मास्टर माइंड रियाज भटकल अब भी पाकिस्तान के कराची में अय्याशी की जिंदगी जी रहा है। एनआईए अधिकारियों के अनुसार रियाज भटकल के निर्देश पर ही हैदराबाद में बम धमाके कराए गए थे।
आईएसआई कर रहा है वित्तीय सहायता
एनआईए सूत्रों का कहना है कि रियाज भटकल आईएसआई की मदद से कराची में अय्याशी की जिंदगी जी रहा है। वहीं आईएसआई इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संस्थापक को वित्तीय सहायत भी मुहैया करा रहा है। भटकल के अलावा कई अन्य आईएम के सदस्यों को आईएसआई से वित्तीय और भौतिक सहायता प्राप्त की जा रही है। इसके अलावा कराची में आईएसआई द्वारा रियाज और उसके भाई इकबाल भटकल को शरण दी गई है।
रियाज भटकल ने हवाला के जरिए भेजे थे 1.25 लाख रुपये
हैदराबाद में विस्फोट कराने के लिए रियाज भटकल ने साथियों को हवाला के जरिए 1.25 लाख रुपये भेजे थे। ब्लास्ट के बाद इस आतंकी ने अपने साथियों को संयुक्त अरब अमीरात से 70 हजार रुपये की राशि भेजी थी। एनआईए सूत्रों के मुताबिक ब्लास्ट के बाद रियाज भटकल लगातार यासीन भटकल के संपर्क में था, जो लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था।
मुस्लिम विरोधी गतिविधियों का बदला लेना चाहता था रियाज
रियाज हैदराबाद ब्लास्ट के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी गतिविधियों का बदला लेना चाहता था। जिसके लिए उसने असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, रहमान, एजाज शेख और अपने भाई यासीन भटकल को हैदराबाद के दिलसुखनगर में ब्लास्ट करने के निर्देश दिए थे। ब्लास्ट से एक दिन पहले रियाज ने यासीन भटकल से बात कर ब्लास्ट की सफलता के लिए प्रार्थना करने को कहा था।
रंगाई एसिड का इस्तेमाल करना चाहता था यासीन
यासीन बम बनाने के लिए रंगाई एसिड का इस्तेमाल करना चाहता था। लेकिन साथी आतंकियों ने यासीन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, क्योंकि रंगाई एसिड का इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल था। बाद में रियाज ने दोहरे विस्फोट को लेकर विस्फोटक उपकरणों को तैयार करने के लिए 50 डेटोनेटर उपलब्ध कराए।
याहू मैसेंजर के जरिए आतंकियों के सम्पर्क में था रियाज भटकल
एनआईए सूत्रों ने बताया कि रियाज भटकल याहू मैसेंजर के जरिए अपने साथियों से लगातार बातचीत कर रहा था। ब्लास्ट से पहले भटकल और असदुल्लाह अख्तर ने मिलकर एक मोबाइल खरीदा और ब्लास्ट का आदेश मिलने के बाद फोन को बंद कर दिया था।
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