देश में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं: सरकार
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में कहा है कि देश में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और 132 शहरों में निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा है कि देश में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और 132 शहरों में निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए हैं। प्रश्नकाल के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने ईंधन उत्सर्जन के लिए वाहनों में बीएस 4 मानदंडों को बीएस 6 में बदलने के लिए कदम उठाए हैं और मेट्रो रेल स्थापित करने के लिए विभिन्न शहरों में योजनाएं विकसित कर रही हैं।
यादव ने सदन को बताया, 'वायु प्रदूषण पर नजर रखने के लिए देश के 132 शहरों में निगरानी केंद्र स्थापित किए गए हैं और प्रदूषण कम करने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। वित्त आयोग ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए स्थानीय उद्योग के लिए 4400 करोड़ रुपये भी निर्धारित किए हैं।'
उन्होंने सदस्यों को बताया, दिल्ली में जहां बहुत अधिक प्रदूषण है, वाहनों में ईंधन की खपत को कम करने में मदद के लिए ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि एनसीआर दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जहां तक औद्योगिक प्रदूषण का सवाल है, उन्होंने कहा कि सरकार कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए कड़े प्रदूषण मानदंड लागू कर रही है। मंत्री ने बताया कि एनसीआर के आसपास की औद्योगिक इकाइयों, विशेष रूप से ईंट भट्ठा उद्योग में प्रौद्योगिकी उन्नयन किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय कर रही है।
अपने लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शुरू किया है।
उन्ोनें लिखित जवाब में कहा, 'शहर विशिष्ट स्वच्छ वायु कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं और 132 गैर-प्राप्ति और मिलियन से अधिक शहरों में कार्यान्वयन के लिए शुरू की गई हैं। एनसीएपी के तहत गैर-प्राप्ति शहरों को निगरानी नेटवर्क के विस्तार, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं, गैर-मोटर चालित परिवहन बुनियादी ढांचे, ग्रीन बफर, मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर, कंपोस्टिंग इकाइयों जैसे कार्यों को शुरू करने के लिए 375.44 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।'