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वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए सेना फिर खरीदेगी स्विच 1.0 ड्रोन, जानें इन ड्रोन की खूबियां

भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी को और मजबूत करने के लिए फिर मुंबई स्थित कंपनी आइडियाफोर्ज के साथ स्विच1.0 ड्रोन के हाई एल्टीट्यूड वैरिएंट की खरीद का समझौता किया है। जानें इन ड्रोन की खूबियां...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:03 PM (IST)
वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए सेना फिर खरीदेगी स्विच 1.0 ड्रोन, जानें इन ड्रोन की खूबियां
भारतीय सेना ने 'आइडियाफोर्ज' के साथ स्विच1.0 ड्रोन के हाई एल्टीट्यूड वैरिएंट की खरीद का समझौता किया है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

नई दिल्ली, पीटीआइ। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी को और मजबूत करने के लिए भारतीय सेना ने फिर मुंबई स्थित कंपनी 'आइडियाफोर्ज' के साथ स्विच1.0 ड्रोन के हाई एल्टीट्यूड वैरिएंट की खरीद का समझौता किया है। सैन्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी, लेकिन उन्होंने खरीदे जाने वाले ड्रोन की संख्या नहीं बताई। सेना ने इस कंपनी के साथ पिछले साल जनवरी में पिछला समझौता किया था। यह समझौता करीब दो करोड़ डालर का था, लेकिन तब भी खरीदे गए ड्रोन की संख्या नहीं बताई गई थी।

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सोमवार को जारी बयान में आइडिया फोर्ज ने बताया कि उसने जनवरी, 2021 के समझौते के मुताबिक भारतीय सेना को निर्धारित संख्या में स्विच1.0 ड्रोन की आपूर्ति निर्धारित समयसीमा में कर दी थी। भारतीय सेना ने अब उसी ड्रोन का अतिरिक्त आर्डर दिया है। स्विच1.0 एक फिक्स्ड-विंग ड्रोन है जो वर्टिकल टेकआफ और लैंडिंग में सक्षम है। इसे दिन-रात निगरानी के लिए ऊंचाई वाले स्थानों और प्रतिकूल वातावरण में तैनात किया जा सकता है।

हाल ही में स्वीडन की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी 'साब' (Swedish defence company Saab) ने जानकारी दी थी कि उसने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए टैंक-रोधी हथियार 'एटी-4' की आपूर्ति करने का एक अनुबंध किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 'साब' को प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस हथियार की आपूर्ति का अनुबंध मिला। भारतीय थल सेना और भारतीय वायुसेना एटी-4 का उपयोग करेगी। टैंक-रोधी हथियार 'एटी-4' एकल सैनिक संचालित हथियार है।

इसने हेलिकाप्टर, बख्तरबंद वाहनों एवं सैन्य कर्मियों के खिलाफ अपनी क्षमता साबित की है। एकल सैनिक संचालित हथियार है। गौरतलब है कि सेना में तेजी से आधुनिकीकरण पर काम कर रही है। हाल ही में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एक और नए संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। यही नहीं हाल ही में सेना के लिए नई लड़ाकू वर्दी (New combat uniform of Indian Army) को मंजूरी दी गई है।  


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