भारतीय सेना ने किया साफ, जरूरत के मुताबिक ही होगी महिला अधिकारियों की नियुक्ति
भारतीय सेना ने साफ किया है कि स्थायी कमीशन के लिए चयनित महिला अधिकारियों को सेना की जरूरतों के मुताबिक ही नियुक्तियां दी जाएंगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि स्थायी कमीशन के लिए चयनित महिला अधिकारियों को सेना की प्रतिबद्धता के अनुरूप संगठन की जरूरतों के मुताबिक नियुक्तियां दी जाएंगी। महिला अधिकारियों की सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर सेना का कहना है कि जब महिलाओं को सेना में पहली बार कमीशन दिया गया था तब सात सितंबर, 1992 को विशेष सैन्य निर्देश जारी किए गए थे।
विशेष सैन्य निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि सैन्य मुख्यालय द्वारा समय-समय पर लिए गए फैसले के मुताबिक महिला अधिकारियों को चुनिंदा नियुक्तियों पर दुनिया के किसी भी हिस्से में सेवाएं देनी होंगी। सेना ने कहा, 'भारतीय सेना अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और स्पष्ट किया है कि स्थायी कमीशन के लिए चयनित महिला अधिकारियों को संगठनात्मक आवश्यकता के अनुसार तैनाती दी जाएगी।'
सोमवार को सूत्रों ने बताया था कि सेवा शर्तों को पूरा करने वाली महिला अधिकारियों को सेना पेंशन लाभ देने के पक्ष में है। इससे पहले उन्होंने जानकारी दी थी कि सेना में महिलाओं की भर्ती सही तरीके से चल रही है और संगठन जिन्हें ठीक समझेगा वे सभी समुचित कार्य इन महिला अधिकारियों को सौंपे जाएंगे। मालूम हो कि पिछले साल अप्रैल में सेना ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिये सैनिकों के रूप में सैन्य पुलिस में महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी।
बता दें कि बीते बुधवार को सेना में महिलाओं को कमांडिंग ऑफिसर बनाने के मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि महिलाओं को पुरुषों की बराबरी करने का प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि वे पुरुषों से ऊपर हैं। सरकार ने महिलाओं को कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त करने पर कहा था कि वह सेना में महिलाओं की नियुक्ति के मसले पर परिवार की जिम्मेदारियों और उनके युद्ध बंदी बनने के खतरे को भी ध्यान में रखती है।