कोरोना से जंग के लिए सेना ने पोस्टग्रेजुएट पढ़ाई कर रहे अपने 650 डाक्टरों को बुलाया
कोरोना से लड़ाई में सेना ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर रहे 650 मेडिकल आफिसर (डाक्टरों) को तात्कालिक तौर पर अध्ययन से बुलाकर तैनात करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना से लड़ाई की जंग में सेना ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर रहे 650 मेडिकल आफिसर (डाक्टरों) को तात्कालिक तौर पर अध्ययन से बुलाकर महामारी से मुकाबले के लिए तैनात करने का फैसला किया है। आर्मी मेडिकल सेंटर एंड कॉलेज लखनऊ और आमर्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज पुणे में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर रहे इन मेडिकल आफिसर्स को अपनी-अपनी यूनिट में लौटने के लिए कह दिया गया है। वहीं दर्जनों पूर्व सैन्य चिकित्सकों समेत एक हजार से अधिक सेना के रिटायर पैरामेडिकल स्टाफ ने भी कोरोना से जंग के लिए फिर से मैदान में उतरने की पेशकश कर दी है।
मेडिकल आफिसर्स कवर के रूप में इनकी होगी तैनाती
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सेना के शीर्ष चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोरोना से जंग में सेना के प्रयासों की समीक्षा बैठक में लखनऊ और पुणे में अध्ययनरत मेडिकल आफिसर्स को उनके यूनिट में भेजने की जानकारी दी गई। कोरोना के इलाज में जुटे चिकित्साकर्मियों के भी कोरोना पॉजिटिव होने के खतरों को भांपते हुए ये सभी मेडिकल आफिसर्स कवर के रूप में अपने यूनिट में रहेंगे और हालात के अनुरूप इनकी तैनाती होगी। रिक्रूटमेंट एजेंसियों के जरिए 100 मेडिकल आफिसर्स को केवल कोविद से जुड़े सैन्य अस्पतालों में इलाज के लिए तैनात किया गया है।
43 डाक्टरों समेत 990 सेवानिवृत्त पैरामेडिकल कर्मी सेवाएं देने को तैयार
रक्षा मंत्रालय के अनुसार कोरोना की चुनौती को देखते हुए सेना के रिटायर 43 डाक्टरों समेत 990 सेवानिवृत्त पैरामेडिकल कर्मी अपनी सेवाएं देने को तैयार है। इन सभी ने अपने अपने शहर वाले स्टेशनों के निकट के अस्पतालों में काम करने की लिखित पेशकश भेज दी है जिन्हें सेना आवश्यकता के अनुसार सेवाएं देने के लिए कह सकती है।
50 अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया गया
कोरोना के इलाज के लिए आमर्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज के 50 अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया गया है। इन कोविड अस्पतालों में 9038 मरीजों के लिए बेड का इंतजाम है। रक्षा मंत्री के साथ कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारियों पर हुई इस समीक्षा बैठक में रक्षा सचिव डा अजय कुमार, एएफएमएस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनुप बनर्जी के अलावा सेना, नौसेना और वायुसेना मेडिकल कोर के शीर्ष चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे। रक्षा मंत्री ने सैन्य बलों के कोरोना जंग में भूमिका की तारीफ करते हुए इस संकट के दौरान आम नागरिकों को भी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को कहा।