Move to Jagran APP

भारत-चीन सैन्य वार्ता से तय होगी नए साल में रिश्तों की दिशा, देर शाम तक जारी रही 14वें दौर की वार्ता

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की वार्ता करीब तीन महीने बाद बुधवार सुबह शुरू हुई और देर शाम तक जारी रही। नए वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्तों की दिशा कैसी रहेगी इसका बहुत हद तक निर्धारण इससे होगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 11:27 PM (IST)
भारत-चीन सैन्य वार्ता से तय होगी नए साल में रिश्तों की दिशा, देर शाम तक जारी रही 14वें दौर की वार्ता
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की वार्ता बुधवार सुबह शुरू हुई और देर शाम तक जारी रही।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत और चीन के बीच मई, 2020 से चले आ रहे सैन्य तनाव को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों की वार्ता करीब तीन महीने बाद बुधवार सुबह शुरू हुई और देर शाम तक जारी रही। वार्ता को लेकर दोनों तरफ से आधिकारिक जानकारी संभवत: गुरुवार देर रात तक आएगी। भारत की तरफ से इस वार्ता को काफी अहम करार दिया गया है और यहां तक बताया जा रहा है कि नए वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्तों की दिशा कैसी रहेगी, इसका बहुत हद तक निर्धारण इससे होगा।

loksabha election banner

भारत पहले भी चीन के सामने स्पष्ट कर चुका है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी और पूर्वी लद्दाख के इलाके में मई, 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल किए बगैर रिश्तों को सामान्य बनाना मुश्किल है।

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच यह 14वें दौर की वार्ता है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार की वार्ता में एलएसी पर स्थित उन स्थानों से सैनिकों की वापसी पर हुई जहां दोनों तरफ के सैनिक कुछ सौ मीटर की दूरी पर आमने-सामने तैनात हैं। मार्च, 2021 में हुई सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता में ही यह तय किया गया था कि आमने-सामने तैनात सैनिकों को पीछे हटाया जाएगा।

इसके बाद चीन ने कुछ जगहों से सैनिकों को पीछे किया और वहां सामान्य स्थिति बहाल भी की गई, लेकिन उसके बाद चीन के रवैये में बदलाव नहीं देखा गया। अभी एलएसी पर स्थित हाट स्पि्रंग, डेपसांग व गोगरा के इलाके का मामला सबसे पेचीदा है। 12वें दौर की वार्ता में भी इन तीनों स्थलों पर सैनिकों की वापसी पर दोनों पक्षों की तरफ से अपना अपना प्रस्ताव पेश किया गया था।

बताते हैं कि शुरुआत में हाट स्पि्रंग एरिया से सैन्य वापसी के भारतीय प्रस्ताव पर तैयार होने के बाद चीनी पक्ष बाद में पलट गया था। 13वें दौर की वार्ता (अक्टूबर, 2021) में तो दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी। भारतीय पक्ष ने बताया था कि उसकी तरफ से काफी सकारात्मक सुझाव दिए गए थे, लेकिन चीन ने उन्हें स्वीकार नहीं किया था। चीन की तरफ से कोई नया प्रस्ताव भी नहीं आया था।

बुधवार की वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अ¨नदया सेनगुप्ता ने किया, जबकि चीनी दल का नेतृत्व साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्टि्रक्ट के प्रमुख मेजर जनरल चांग लीन कर रहे थे। यह वार्ता ऐसे समय हुई है जब चीन की तरफ से पैंगोंग झील के पास नया निर्माण कार्य करने, भूटान सीमा पर नए सिरे से ढांचागत सुविधाएं जुटाने और अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास नए गांव बसाने की सूचनाएं और तस्वीरें लगातार आ रही हैं।

एक दिन पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात कही थी, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसका व्यवहार इससे मेल नहीं खा रहा। एलएसी के संवेदनशील इलाकों में भयंकर सर्दी (शून्य से 30-40 डिग्री नीचे तापमान) के बावजूद दोनों तरफ से 50-60 हजार सैनिकों के तैनात होने की सूचना है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.