स्पैंगगुर में आमने-सामने डटे भारत और चीन के सैनिक, दुश्मन देश का जमावड़ा बढ़ने के बाद भारत ने भी तैनाती बढ़ाई
चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में स्पैंगगुर गैप में हजारों सैनिकों टैंकों और होवित्जर तोपों को जुटा लिया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में स्पैंगगुर गैप में हजारों सैनिकों, टैंकों और होवित्जर तोपों को जुटा लिया है। चीनी सैनिक, भारतीय जवानों से राइफल रेंज के भीतर यानी चंद कदमों की दूरी पर हैं। चीन की ओर से की गई इस तैनाती के बाद से भारतीय सैनिक भी हाई अलर्ट पर हैं। भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशुल के पास पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर के पास सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच कायम कर ली है।
इसके बाद चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 30 अगस्त से स्पैंगगुर गैप में सैनिकों का जमावड़ा बनाकर माहौल में तनाव और बढ़ा दिया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, चीनी सेना की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना ने भी स्पैंगगुर गैप में उसके बराबर की तैनाती की है। दोनों देशों की सेनाएं शूटिंग रेंज के भीतर (चंद कदमों की दूरी) हैं।
सूत्रों ने कहा कि चीन ने सीमाई क्षेत्रों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपने मिलिशिया दस्ते तैनात किए हैं। उन्हें सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों से भारतीय सेना के सैनिकों को हटाने का काम सौंपा गया है। मिलिशिया पर्वतारोहियों, मुक्केबाजों, स्थानीय फाइट क्लब के सदस्यों और अन्य लोगों का मिलाजुला संगठन है। इसके अधिकांश सदस्य स्थानीय आबादी से लिए जाते हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, मिलिशिया मूल रूप से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक आरक्षित बल है। वे युद्ध के समय की स्थितियों में तैनात किए जाते हैं। पीएलए के सैन्य अभियानों में मदद करते हैं। भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से दोहराया है कि अगर चीनी सैनिक कोई भड़काऊ कदम उठाते हैं तो सेना जवाबी कार्रवाई करेगी।
सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर पीएलए के सैनिक फिंगर-4 के क्षेत्र पर भी यथास्थिति बदलने और कब्जा करने की मंशा से मौके की तलाश में हैं। भारतीय सैनिकों ने स्थिति को भांपते हुए इलाके के कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच बना ली है।
इस बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के शीर्ष कमांडरों के बीच शनिवार को हुई बातचीत फिर बेनतीजा निकली। चुशूल में दिन में 11 बजे से लेकर तीन बजे तक बातचीत चली। शनिवार को भी सैन्य स्तर की बातचीत का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया था। अगले कुछ दिनों में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की एक और उच्चस्तरीय बैठक होने की उम्मीद है।