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भारतीय वायुसेना को कल मिलेंगे तीन और राफेल लड़ाकू विमान, पांच जेट पहले ही आ चुके हैं भारत

फ्रांस के एयरबेस से गुजरात के जामनगर तक की लंबी उड़ान के दौरान फ्रांसीसी वायुसेना का हवा में ईधन भरने वाला विमान भी साथ रहेगा। फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:00 AM (IST)
भारतीय वायुसेना को कल मिलेंगे तीन और राफेल लड़ाकू विमान, पांच जेट पहले ही आ चुके हैं भारत
भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय वायुसेना को चार नवंबर को तीन और राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएंगे। तीनों राफेल विमान फ्रांस से उड़ान भरने के बाद रास्ते में रुके बिना भारत पहुंचेंगे। सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के एयरबेस से गुजरात के जामनगर तक की लंबी उड़ान के दौरान फ्रांसीसी वायुसेना का हवा में ईधन भरने वाला विमान भी साथ रहेगा। फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इस बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हाल्ट किया था। भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का करार किया है। 

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गेमचेंजर हैं राफेल विमान: राजनाथ सिंह   

राफेल के लिए अलग-अलग बैच में भारतीय वायुसेना के पायलटों को फ्रांस में प्रशिक्षित किया जा रहा है।पहले बेड़े को वायुसेना में शामिल किए जाने के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमानों को गेम चेंजर बताया था। उनका कहना था कि राफेल के साथ वायुसेना ने टेक्नोलॉजी के स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। यह नवीनतम हथियारों और सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है। इनमें से आधे विमान अंबाला एयरबेस और आधे पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाने हैं। 

राफेल विमान कई खूबियों से लैस है। यही वजह है कि इसको दुनिया के कुछ ताकतवर फाइटर जेट में शामिल किया जाता है। आइए जानते हैं इसकी खूबियां ।

- ये विमान 1800 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में सक्षम है।

- राफेल के अचूक निशाने से दुश्मन किसी तरह नहीं बच सकता। बिना पे लोड के राफेल का वजन 10 टन है। वहीं यदि ये मिसाइल के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो सकता है।

- राफेल विमान अपने साथ कई मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है।

- राफेल विमान में सबसे खतरनाक मिसाइल Meteo beyond Visual Range AIR to Air Missile लगी है जो हवा से हवा में अचूक मार कर सकती है।

- राफेल विमान हिमालय के ऊपर बेहद सर्द मौसम में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इस तरह की काबलियत हर लड़ाकू विमान में नहीं होती है।

- राफेल विमान स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है। इसका अर्थ है कि यह दुश्मन के राडार को चकमा देने के ताकत रखता है।

- इन विमानों को अब हैमर मिसाइलों से भी लैस किया जाएगा। इन मिसाइलों की खासियत है कि नो स्केप जोन में अगर कोई भी लड़ाकू विमान दिखाई दिया तो ये विमान उसको भी मार गिरा सकेगा।

- भारत ने अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें हैमर मिसाइल लगवाई है। इसका अर्थ है Highly Agile Modular Munition Extended Range Missile। इनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है। ये मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगर साबित हो सकती हैं। HAMMER का इस्तेमाल मुख्य रूप से बंकर या कुछ छिपे हुए स्थानों को तबाह करना होता है। 

- राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है। इस लिहाज से ये पाकिस्तान के F-16 या चीन के J-20 से बेहतर है। 

- इस विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किमी. है। इसका अर्थ है कि ये अपनी उड़ान वाली जगह से इतनी दूर हमला कर वापस लौट सकता है। 

- इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता है, इसलिए ये एक ही समय में अधिक दूरी तय कर सकता है।


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