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भारतीय वायुसेना को मिली Spice-2000 बमों की पहली खेप, बालाकोट में मचाई थी तबाही

ग्वालियर एयरबेस पर स्पाइस-2000 बमों के नए संस्करण का पहली खेप मिली है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:42 AM (IST)
भारतीय वायुसेना को मिली Spice-2000 बमों की पहली खेप, बालाकोट में मचाई थी तबाही
भारतीय वायुसेना को मिली Spice-2000 बमों की पहली खेप, बालाकोट में मचाई थी तबाही

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रक्रिया के तहत उसे बिल्डिंग ब्लास्टर स्पाइस-2000 बम मिलने शुरू हो गए हैं। ये उन बमों का उन्नत संस्करण हैं जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी अड्डे पर बीती फरवरी में कहर बरपाया था। ये बम ग्वालियर स्थित वायुसेना के अड्डे को मिल रहे हैं।

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ग्वालियर अड्डा देश में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है। इसी विमान से इजरायली स्पाइस-2000 बम गिराए जा सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने आपात खरीद प्रक्रिया के तहत जून में ही इजरायल की फर्म के साथ मार्क 84 वारहेड और बमों की खरीद का 250 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस सौदे के तहत 100 से ज्यादा स्पाइस-2000 बम खरीदे जाने हैं।

आपात खरीद की यह व्यवस्था मोदी सरकार ने शुरू की है। इसके तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के हथियार और गोला-बारूद लंबी प्रक्रिया में जाए बगैर कुछ महीनों में खरीद सकती हैं। बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायुसेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की। नए आयातित बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमों से ज्यादा शक्तिशाली हैं और बड़ी इमारत को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने में सक्षम हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकाना बर्बाद किया था।

सिर्फ मिराज 2000 के पास बमों को ले जाने की क्षमता
स्पाइस-2000 बमों को ग्वालियर एयरबेस पहुंचाया गया है, क्योंकि यह भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का बेस है। मिराज 2000 ही एकमात्र लड़ाकू विमान हैं जो इजरायल के इन बमों को अपने साथ ले जाने में सक्षम हैं।

250 करोड़ रुपये से अधिक का करार
बता दें कि भारतीय वायु सेना ने मार्क 84 युद्धक और बमों के साथ इजरायल के साथ 250 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जो इमारतों को पूरी तरह से नष्ट कर सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने 100 से अधिक स्पाइस 2000 बमों की खरीद के लिए जून में इजरायल के साथ करार किया था।

बालाकोट हवाई हमले में इन बमों ने तबाही मचाई थी
दरअसल इजरायल के साथ इस अनुबंध पर हस्ताक्षर इसलिए किए गए थे, क्योंकि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ बालाकोट हवाई हमले में इन बमों ने तबाही मचाई थी। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने इसे खरिदने की कवायद शुरू की। इजरायल भारतीय वायुसेना के मुख्य हथियारों और गोला-बारूद आपूर्तिकर्ताओ में से एक है।

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था। इस दौरान वायु सेना के मिराज-2000 विमानों ने नियंत्रण रेखा को पार कर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जैश के आतंकी ठिकानों पर स्पाइस -2000 बम गिराए थे। स्पाइस-2000 बमों ने जैश शिविर में कंक्रीट की छतों में छेद बनाकर अंदर घुसे थे। ये बम इमारतों को नष्ट नहीं करत पाते, लेकिन 70 से 80 किलो विस्फोटक होने के कारण अंदर भारी तबाही मचाते हैं।


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