भारत रूस को उपहार में देगा 3 मिग 21, भारतीय रंगों से सजे 3 फाइटर प्लेन पहुचेंगे मॉस्को
पुतिन के इस भारत दौरे पर मोदी सरकार रूस के द्वारा ही एक समय मे बनाए गये 3 मिग 21 लड़ाकू विमान अपने पुराने दोस्त रूस को भेंट करने जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच 19वें शिखर सम्मेलन के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हैैं। पुतिन के इस भारत दौरे पर मोदी सरकार रूस के द्वारा ही एक समय मे बनाए गये 3 मिग 21 लड़ाकू विमान अपने पुराने दोस्त रूस को भेंट करने जा रही है। इसमें एक टाइप 75 और दो टाइप 77 एयरक्राफ्ट शामिल हैैं। भारतीय रंगों से सजे यह तीन फाइटर प्लेन इसके बाद मॉस्को पहुंचेगें।
इन विमानों को तोहफे के रुप मेेंं देकर भारत सरकार राष्ट्रपति पुतिन को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि अमेरिका के प्रयासों के बावजूद भारत और रूस के बीच दोस्ती की गहराई कम नही हुई है और रूस अब भी भारत के लिए सबसे बड़ा दोस्त और महत्वपूर्ण हथियार आपूर्तिकर्ता है।
जानकार बताते है कि 1960 के दशक में सोवियत संघ के जमाने में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने भारत को लड़ाकू विमान देने से मना कर दिया था, तब रूस ने भारत को मिग-21 लड़ाकू विमान दिए थे। इसके बाद के सालों में भारत ने रूस लगभग 1,200 मिग-21 हासिल किए। साथ ही इन्हें बनाने की पूरी तकनीक भी। अब 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत ये विमान भारत में बनाए जा रहे हैं। यह तोहफा जाहिर तौर पर भारत की रूस के प्रति उस भावना को बयान करेगा जिसे रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में रूस के साथ भारत के रिश्तों को पुरानी और भरोसेमंद दोस्ती बताया था।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पुतिन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे है। इस यात्रा में लंबे समय से लंबित पड़ी एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर समझौता होना संभव बताया जा रहा है, जिसका करार 5 अरब डॉलर की राशि से ज्यादा का होगा। ऐसा माना जा रहा है कि इस खरीद से अमेरिका के काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट का उल्लंघन होगा, लेकिन भारत पहले ही अमेरिका को मनाने मे लगा है।
बता दें कि आने वाले इस शिखर सम्मेलन में 10 अरब डॉलर से ज्यादा के सौदे पर बातचीत हो सकती है। इनमें छिपी संभावना और क्षमता का बदौलत रूसी हथियारों के लिए कम से कम दो और दशकों तक भारतीय दरवाजे खुले रहेंगे। रक्षा सुत्रों के अनुसार एस-400 मिसाइल के अलावा 2 अरब डॉलर में एक और अकुला क्लास की परमाणु शक्ति संपन्न हमलावर पनडुब्बी की लीज, कृवाक के चार युद्धपोत के लिए 2 अरब डॉलर का सौदा, 200 से ज्यादा केए-226 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, जो हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम में रूसी हेलिकॉप्टर्स द्वारा बनाए जाने हैं। इसके अलावा, भारतीय सेना के लिए 6,00,000 से ज्यादा एके-103 असॉल्ट राइफलों के निर्माण के लाइसेंस के लिए सरकार से सरकार के बीच एक सौदे पर भी बातचीत होगी। इसके बाद नंबर आता है दो आइएल-78 विमानों के ऑर्डर का। साथ ही भारत अपने छीजते विमान बेड़े की भरपाई के लिए रूस को कुछ और एसयू-30 विमानों का भी ऑर्डर दे सकता है।