इस्लामिक सहयोग संगठन को लेकर यूएई के रूख का भारत ने किया स्वागत, पाक और इजरायल पर भी हुई चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने यूएई को इस बात के लिए खास तौर पर धन्यवाद दिया कि वह इस्लामिक देशों के संगठन (OIA) में कुछ देशों की तरफ से भारत विरोधी प्रस्तावों को आगे नहीं बढ़ने देता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इजरायल के साथ ऐतिहासिक समझौता कर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अभी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में छाये रहने के बावजूद यूएई के विदेश मंत्री शेख अबदुल्लाह अल नहयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के लिए समय निकाल ही ले रहे हैं। यह बताता है कि यूएई व भारत के रणनीतिक रिश्ते कितने महत्वपूर्ण है। सोमवार को उक्त दोनो विदेश मंत्रियों की अगुवाई में भारत-यूएई संयुक्त आयोग की बैठक में दोनो देशों के पड़ोस व क्षेत्रीय हालात पर चर्चा हुई। जाहिर है कि इसमें पाकिस्तान की तरफ से आंतकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा भी उठा है और इजरायल के साथ यूएई के समझौते के दूसरे आयामों पर भी विमर्श हुआ है। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यूएई के वित्त राज्य मंत्री ओबैद अल तायर के साथ अलग से एक वर्चुअल बैठक हुई जिसमें आर्थिक रिश्तों का विस्तार से समीक्षा किया गया।
यूएई भारत का एक अहम रणनीतिकार देश
विदेश मंत्री जयशंकर ने यूएई को इस बात के लिए खास तौर पर धन्यवाद दिया कि वह इस्लामिक देशों के संगठन में कुछ देशों की तरफ से भारत विरोधी प्रस्तावों को आगे नहीं बढ़ने देता। कहने की जरुरत नहीं कि इस तरह की कोशिश पाकिस्तान की तरफ से होती है जो कश्मीर के बारे में कई बार ओआइसी में प्रस्ताव ले कर आता है। अभी भी पाकिस्तान की तरफ से यह कोशिश हो रही है कि वह कश्मीर पर ओआइसी देशों के विदेश मंत्रियों की एक विशेष बैठक बुलाये लेकिन यूएई जैसे मित्र देश इसे सफल नहीं होने दे रहे हैं। यूएई भारत का एक अहम रणनीतिकार देश है साथ ही इजरायल भी। इसलिए जब इन दोनों के बीच हाल ही में अहम समझौता हुआ तो भारत ने इसका स्वागत किया। यह समझौता इजरायल को राजनीतिक मान्यता देने से संबंधित है जिसे खाड़ी के अधिकांश देश नहीं देते। भारत इसे अपने हित में समझ रहा है। यह भी बताते चलें कि पिछले पांच दिनों के भीतर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अबदुल्लाह अल नहयान के बीच दूसरी बातचीत थी।
आर्थिक सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर हुई बातचीत
सोमवार को भारत-यूएई संयुक्त आयोग के तहत विमर्श हुआ जिसमें द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंधों, वैश्विक मुद्दों, कारोबार व आर्थिक सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई है। इसमें कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति और यूएई में रहने वाले लाखों भारतीयों के हितों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि सोमवार की बैठक की तैयारी में 10 व 11 अगस्त, 2020 को विभिन्न सेक्टर में सहयोग को लेकर अलग अलग पांच बैठकें हुई थी। आर्थिक संबंधों के अलावा रक्षा व सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर भी विमर्श हुआ। दोनो देशों के बीच बेहद मजबूत राजनीतिक रिश्तों को देखते हुए सोमवार को हुई बैठक में दोनो विदेश मंत्रियों ने रिश्तों की प्रगति पर संतोष जताया है।