Move to Jagran APP

ब्रिक्स के मंच से भारत ने दुनिया को किया आगाह, दूर-दूर तक होगा अफगानिस्तान के संकट का असर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स (ब्राजील रूस भारत चीन दक्षिण अफ्रीका) के शैक्षणिक मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के संकट (afghanistan taliban conflict) का असर ना केवल पड़ोस पर बल्कि उससे बाहर तक होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:36 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 08:36 AM (IST)
ब्रिक्स के मंच से भारत ने दुनिया को किया आगाह, दूर-दूर तक होगा अफगानिस्तान के संकट का असर
ब्रिक्स के एकेडमिक फोरम में विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में विस्तार की मांग उठाई।

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने मंगलवार को आगाह किया कि अफगानिस्तान के संकट का असर ना केवल पड़ोस पर बल्कि उससे बाहर तक होगा। साथ ही कहा कि बड़े पैमाने पर हिंसा, डराने-धमकाने या छिपे हुए एजेंडे के जरिए 21वीं सदी में वैधता प्राप्त नहीं की जा सकती। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के शैक्षणिक मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की जंग ने आतंकवाद की चुनौती बढ़ा दी है। सभी हितधारकों को इससे निपटने के लिए स्पष्ट, समन्वित और एक समान रख अपनाना होगा।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान में हम संक्रमण काल देख रहे हैं और इस जंग ने फिर से उसके लोगों के लिए चुनौतियां पैदा कर दी है। अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाए तो ना केवल अफगानिस्तान में बल्कि उससे बाहर भी इसके गंभीर असर होंगे।

जयशंकर ने कहा कि ढांचागत जड़ता, असमान संसाधन जैसे मुद्दों ने बहुपक्षीय संस्थानों को नुकसान पहुंचाया है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ खाई पैदा होती है। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ अंतराल में आतंकवाद पनपता है। इसकी नर्सरी संघषर्ष प्रभावित क्षेत्रों में है जो दुर्भावनापूर्ण मंसूबे वाली ताकतों द्वारा कट्टरवाद को प्रश्रय देने से और फलती फूलती है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से देश में तालिबान की हिंसा बढ़ गई है। तालिबान हिंसा का सहारा लेकर पूरे अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अमेरिका ने पहले ही अपने अधिकांश बलों को वापस बुला लिया है और 31 अगस्त तक पूरी तरह से अफगानिस्तान को छोड़ देगी।

भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता में बड़ा हितधारक है। अफगानिस्तान में सहायता और अन्य कार्यक्रमों में भारत तीन अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुका है। भारत एक राष्ट्रीय शांति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है जो अफगान-नेतृत्व वाली, अफगान-स्वामित्व वाली और अफगान-नियंत्रित हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.