भारत में मिल सकती है रूसी कोरोना वैक्सीन Sputnik-V को मंजूरी, वर्ष के अंत तक आएंगे 5 और टीके
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जल्द की रूसी वैक्सीन Sputnik-V को केंद्र से आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। ऐसा होने पर स्वदेशी वैक्सीन के साथ इसको भी इमरजेंसी के तौर पर दिया जा सकेगा।
नई दिल्ली (एएनआई)। भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। इसके तहत वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने के अलावा इसके उत्पादन में तेजी लाए जाने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। आपको बता दें कि जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे कुछ राज्यों में वैक्सीन की कमी की बात भी सामने आई है। इस समस्या से निपटने के लिए ही सरकार अब तैयारी करने में जुट गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत में इस वर्ष के अक्टूबर तक कोरोना के पांच नए टीके भी उपलब्ध हो जाएंगे। फिलहाल देश में लोगों को कोविडशील्ड और कोवैक्सीन का उत्पादन हो रहा है और यही लोगों को दी जा रही हैं। एंजेसी का कहना है कि मुमकिन है कि केंद्र सरकार वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए आने वाले दस दिनों में रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 को भी आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए अपनी मंजूरी दे दे। यदि ऐसा हुआ तो अधिक संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन हो सकेगा और इसमें तेजी भी आएगी। ।
एएनआई के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर तक भारत में जो कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती हैं उनमें जॉनसन ऐंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन, नोवावैक्स वैक्सीन, जायडस कैडिला की वैक्सीन और भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन शामिल हैं। जहां तक स्पूतनिक की बात है तो ये जून तक भारत में उपलब्ध हो सकती है। वहीं जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन और जायडस कैडिला की वैक्सीन संभवत: अगस्त आ जाएगी। एजेंसी की मानें तो सितंबर और अक्टूबर तक नोवावैक्स भी भारत में उपलब्ध हो जाएगी। एएनआई का कहना है कि रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने भारत में कई फार्मा कंपनियों से वैक्सीन उत्पादन के लिए समझौता किया है।
आपको बता दें कि भारत में इस वर्ष फरवरी से दोबारा कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। बीते 24 घंटों में डेढ़ लाख से अधिक नए मामलों के सामने आने के बाद सरकारें हाई अलर्ट पर हैं। कई राज्यों ने जहां अपने यहां पर प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है वहीं कुछ राज्यों ने अपने कुछ शहरों में वीकएंड लॉकडाउन भी लगाया है। एहतियात के तौर पर कई राज्यों ने अपने यहां पर शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद कर दिए हैं।