रात में परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 का परीक्षण, भारत की बढ़ी मारक क्षमता
भारत ने मंगलवार को सेना द्वारा उपयोगकर्ता परीक्षण के तहत रात के समय स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु-सक्षम पृथ्वी -2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। अग्नि और पृथ्वी मिसाइल के दिन में किए गए सफल परीक्षण के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने रात के समय भी इन मिसाइलों का परीक्षण करना शुरू कर दिया है। ओडिशा के बालेश्वर स्थित चांदीपुर से तथा अब्दुल कलाम द्वीप रात के समय इन मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार देर शाम 7:02 बजे पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया। स्वदेश निर्मित और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम इस मिसाइल का रात में किया गया परीक्षण सौ फीसद सफल रहा।
सतह से सतह पर मार करने वाले तथा 350 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज आइटीआर के परिसर तीन से किया गया। सूत्रों की मानें तो मिसाइल ने रात के समय पूरी तरह अपने मिशन के लक्ष्य को पूरा किया। पृथ्वी-2 मिसाइल 500 किलोग्राम से एक हजार किलोग्राम वजन तक आयुध ले जाने में सक्षम है।
2003 में सेना में शामिल : इस मिसाइल को 2003 में भारतीय सशस्त्र बल में शामिल किया गया था। यह पहली ऐसी मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया है।
रात में अग्नि 2 का भी किया था परीक्षण
इससे पहले शनिवार को पहली बार बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का रात्रिकालीन परीक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। परमाणु हमला करने में सक्षम इस मिसाइल की जद में पाकिस्तान, चीन एवं दक्षिण एशिया के कई देश आ गए हैं।भारत अपने मिसाइलों का परीक्षण तटवर्ती ओडिशा के बंगाल की खाड़ी स्थित चांदीपुर के परीक्षण स्थल एक, दो, और तीन नंबर या फिर अब्दुल कलाम द्वीप से चार नंबर लांचिंग कंपलेक्स से करता आ रहा है। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है। यह ठोस ईंधन से संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है।