VIDEO: भारत को एक और सफलता, डीआरडीओ ने किया एंटी टैंक मिसाइल का परीक्षण; जानें- खासियत
इस प्रणाली को भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता के लिए विकसित किया जा रहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल के फायरिंग रेंज में मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाल (एमपी-एटीजीएम) का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। 100 फीसद स्वदेशी एटीजीएम का तीसरी बार सफल परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल सेना की इन्फैंट्री बटालियन के लिए विकसित की जा रही है। युद्ध के दौरान सेना इसका इस्तेमाल दुश्मन की टैंकों एवं अन्य बख्तरबंद वाहनों को तबाह करने के लिए करेगी।
मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने कहा कि यह मिसाइल परियोजना के लिए सबसे बड़ी सफलता है। एंटी टैंक गाइडेड मिसाल के मामले में भारत आत्मनिर्भर हो गया है।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने कहा, 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी विकसित कम भार वाले एमपीएटीजीएम का बुधवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
#WATCH Successful test firing of the Man Portable Anti Tank Guided Missile system by DRDO from a firing range in Kurnool, Andhra Pradesh, today. pic.twitter.com/h8TLrbpv6n
— ANI (@ANI) September 11, 2019
मिसाइल को मैन-पोर्टेबल ट्राइपाड लांचर से दागा गया। मिसाइल ने लक्ष्य को तबाह किया।'वायुसेना को पूर्व चेतावनी प्रणाली नेत्र सौंपा डीआरडीओ ने वायुसेना को दूसरा हवाई खतरे की चेतावनी देने वाला विमान नेत्र सौंपा है। वायुसेना को इस तरह का दूसरा विमान सौंपा गया है। स्वदेश निर्मित विमान पश्चिमी कमान के प्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार को पंजाब के बठिंडा वायुसैनिक अड्डे में बुधवार को सौंपा गया। इसी वर्ष फरवरी में बालाकोट हमले के समय नेत्र ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
#WATCH Man Portable Anti Tank Guided Missile system successfully hitting its target during the test firing by Defence Research and Development Organisation (DRDO) from a firing range in Kurnool, Andhra Pradesh, today. All test parameters were met. pic.twitter.com/yNN5ahsHgZ — ANI (@ANI) September 11, 2019
डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल कई उन्नत सुविधाओं से लैस है। इसमे अल्ट्रा-आधुनिक इमेजिंग इन्फ्रारेड रडार शामिल है। मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो एक उच्च विस्फोटक के साथ भरी हुई है। इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता लगभग 2.5 किलोमीटर है। संभावना जताइ जा रही है कि इन मिसाइलों का 2021 से बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा।