अर्थव्यवस्था और रोजगार में इंटरनेट की बढ़ती धमक के बीच विश्व को रोजगार की नई राह दिखाएगा भारत
प्रो. गुप्ता अगले साल अपनी टीम के साथ पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें इंटरनेट के जरिये ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी ग्लोबल बनाने का मंत्र होगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तेजी से बदल रही अर्थव्यवस्था और रोजगार में इंटरनेट की बढ़ती धमक के बीच संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेट गवर्नेस फोरम के 'इंटरनेट एंड जॉब्स' डायनेमिक कोलीशन की जिम्मेदारी भारत के प्रो. राजेंद्र प्रताप गुप्ता को सौंपी है। कोरोना काल के दुष्प्रभाव से निकलने और रोजगार के नए स्वरूप ढूंढ़ने में प्रो. गुप्ता मदद करेंगे।
प्रो. गुप्ता देश-विदेश में कई कंपनियों, संस्थानों और मंत्रालयों के लिए सलाहकार की भूमिका निभा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र में नई जिम्मेदारी इसलिए खास है क्योंकि बदल रहे माहौल में रोजगार का बड़ा माध्यम इंटरनेट होगा। जाहिर तौर पर इसके लिए कई बदलाव भी लाने होंगे।
प्रो. गुप्ता अगले साल अपनी टीम के साथ पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें इंटरनेट के जरिये ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी ग्लोबल बनाने का मंत्र होगा। ध्यान रहे कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकल से ग्लोबल और वोकल फॉर लोकल का नारा दिया है।
देश में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण
वहीं, दूसरी ओर देश में कोरोना संक्रमण कम नहीं हो रहा है। दिल्ली व महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच दोबारा लॉकडाउन लागू किए जाने व फिलहाल दी जा रही छूट को वापस लेने की चर्चा व मीडिया रिपोर्ट को दोनों ही राज्यों ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जहां राष्ट्रीय राजधानी में दोबारा लॉकडाउन लगाने को उचित नहीं बताया, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने राज्य में दी जा रही छूट को जारी रखने का भरोसा दिया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए बेड व वेंटिलेटर कम नहीं होने देंगे।
उधर, उद्धव ठाकरे ने कुछ मीडिया रिपोर्ट व सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए एक बयान में कहा, 'कुछ टीवी न्यूज चैनल व सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन को दोबारा सख्ती से लागू किया जाएगा और सभी दुकानें बंद करा दी जाएंगी। लेकिन, सरकार ने अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसी खबरें लोगों में भ्रम पैदा करती हैं। इस प्रकार की खबरों को बिना पुष्टि के नहीं प्रसारित करना चाहिए। अफवाह फैलाना अपराध है। हम अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन में ढील दे रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बेवजह भीड़ बढ़ाई जाए व शारीरिक दूरी जैसे नियमों का उल्लंघन किया जाए।'